टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग की मांग को लेकर आन्दोलन की सुगबुगाहट

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                                          संघर्ष समिति ने खोला मोर्चा , 9 सितम्बर की बैठक में बनेगी आन्दोलन की रणनीति 

बागेश्वर (संवाददाता): टनकपुर-बागेश्वर रेल मार्ग की मांग को लेकर संघर्ष समिति ने मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने पंचेश्वर बांध निर्माण का विरोध करते हुए कहा कि अगर रेल मार्ग का निर्माण नहीं किया जाता है तो उग्र आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा।

रेल मार्ग निर्माण को लेकर बागेश्वर-टनकपुर रेल मार्ग निर्माण संघर्ष समिति ने तहसील कार्यालय में सरकार की उपेक्षा के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया गया। संघर्ष समिति की अध्यक्ष नीमा दफौटी ने कहा कि कई दशकों से रेल निर्माण को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। इस दौरान कई सरकारें आई लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। राज्य बनने के बाद उम्मीद जगने लगी थी कि अब रेल लाइन का निर्माण हो जाएगा। लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नही हुई। सरकार लगातार इस क्षेत्र की उपेक्षा कर रही है। अब सरकार विनाशकारी बांध का निर्माण करने जा रही है। जिससे 134 गांव विस्थापित हो रहे है। इससे किसी का भला नही होने वाला है। इसलिए संघर्ष समिति प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है। सरकार को इस प्रोजेक्ट को तुरंत बंद कर देना चाहिए। मौके पर जिला अस्पताल को बेस अस्पताल का दर्जा देने, क्षतिग्रस्त मोटर मार्गों, पेयजल योजनाओं को जल्द ठीक करने की मांग भी उठाई गई। उन्होंने कहा कि रेल लाइन को लेकर नौ सितंबर को फिर बैठक होगी जिस पर व्यापक रणनीति बनाई जाएगी।

इस अवसर पर केवल साह, खड़क राम आर्य, हयात सिंह, इंदिरा मिश्रा, गिरीश चंद्र पाठक, केशवानंद जोशी, प्रताप सिंह गढि़या, चंदन सिह ऐठानी, लक्ष्मी धर्मसक्तू, मोहन चंद्र जोशी, कमलजीत, भगवती प्रसाद, शोबन सिंह सुगड़ा, खीम सिंह मेहता, मालती पांडे, हेमा जोशी, आशा जोशी, गोविंद सिंह दानू आदि मौजूद थे।

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