अल्मोड़ा : कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए पूर्व सीएम हरीश रावत दिन-रात जुटे हैं। प्रदेश के कोने-कोने में भ्रमण पर हैं। वह कांग्रेस के मुख्य चेहरा भी हैं, लेकिन उन्हें चुनाव कहां से लडऩा है, यह तय नहीं हो सका है। वह जहां भी जाते हैं, वहीं अपना जुड़ाव दिखाने की कोशिश करने लगते हैं। इस बार अल्मोड़ा को लेकर उन्होंने भावुक करती फेसबुक पोस्ट डाली है। अपने गांव मोहनरी का जिक्र करते हुए लिखा है, उड़ी जहाज को पंछी, फिर जहाज पर आयो। इसका आर्थ बताते हुए लिखते हैं, मुझसे पूछे कि कोई कहां लौटना चाहते हो, तो मैं मोहनरी का नाम लूंगा।
तीन दिन पूर्व पूर्व सीएम हरीश रावत अल्मोड़ा जिले के आपदा प्रभावितों से मिलने भकियासैंण गए। उनका पैतृक गांव भी यही मोहनरी में हैं। वहां से लौटने के बाद उन्होंने इंटरनेट मीडिया में कुछ ऐसा लिखा की वह सुर्खियां बन गया। उन्होंने पोस्ट में लिखा की “अल्मोड़ा से आते-जाते वक्त मन हमेशा जरा भारी सा हो जाता है। न जाने क्या ऐसा है अल्मोड़ा से की मैं ध्वस्त होकर के गया भी। लेकिन एक बात हमेशा रही, मैं चुनाव जीता या हारा, प्यार अल्मोड़ा ने केवल मुझसे ही किया और मैं भी कहीं से लौट के आऊं। जैसे कहते हैं “उड़ी जहाज को पंछी, फिर जहाज पर आयो’। मुझसे कोई पूछे की कहां लौटना चाहते हो तो मैं मोहनरी का नाम लंगूा। मैं अल्मोड़ा व अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र का नाम लूंगा’। हालांकि हरिद्वार का भी जिक्र उन्होंने किया। उन्हें यह भी टीस रही की 2017 में वह सत्ता से बाहर हो गए।
यह अंतिम अवसर है लिखकर रावत प्रदेश की जनता से इमोशनल अपील करतें दिख रहे हैं। वह 2022 के चुनाव को उत्तराखंड, उत्तराखंडियत व अल्मोड़ियत की रक्षा से जोड़कर देख रहे है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि उन्होंने एक तरह का संदेश दिया है। वह पिछला चुनाव तराई की सीटों से लड़े। जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस बार वह अपनी अपील में बार-बार अल्मोड़ियत, अल्मोड़ा और अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र का नाम ले रहे है।
तो यह स्पष्ट है वह अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र की 14 विधानसभा सीटों में से एक चुनेंगे। उनका गांव मोहनरी रानीखेत विधानसभा का हिस्सा हैं। वहां से अभी कांग्रेस का चेहरा करन मेहरा हैं। लेकिन सल्ट विधानसभा भी उनके गांव से ज्यादा दूर नहीं। इसलिए सल्ट भी उनकी नजर हो सकती है। वैसे आपको बता दें मुख्यमंत्री रहते रावत ने पिथौरागढ़ जिले की धारचूला विधानसभा से चुनाव लड़ा था।