अल्मोड़ा जिले के स्कूल में बच्चों के बाल जबरन नहीं, अभिभावकों की सहमति से काटे गए

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अल्मोड़ा : अल्मोड़ा जिले के धौलादेवी ब्लाक के दन्या स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक द्वारा बच्चों के बाल काटने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। स्कूल प्रबंधन का इस बारे में कहना है कि, ऐसा स्कूल को बदनाम करने के लिए किया गया। इस बारे में अभिभावकों को पहले ही अवगत करा दिया गया था।

बीते गुरुवार को सरस्वती शिशु मंदिर दन्या में एक शिक्षक ने स्कूल में करीब एक दर्जन बच्चों के रेजर से बाल काट दिए थे। बाल बेतरतीब तरीके से काटने की खबर मीडिया और सोशल मीडिया पर वारल होने पर मामला तूल पकड़ गया। जिसके बाद से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। इस मामले में अभिभाकों ने किसी भी तरह के विरोध की बात से इनकार किया है।

बताया जा रहा था कि स्कूल में नियमों के अनुसार पढ़ने वाले बच्चों को बाल छोटा रखना है। स्कूली बच्चों को भी प्रबंधन ने नियमों के अनुसार ही बाल रखने को कहा था। लेकिन जिन बच्चों के बाल कटे हुए नहीं मिले, उनके बाल स्कूल शिक्षक ने रेजर से कतर दिए। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया।

स्कूल को बदनाम करने की साजिश
स्कूल प्रबंधन ने बताया कि यह पूरी साजिश है उनके स्कूल को बदनाम करने की। जिन लोगाें ने इस तरह की खबरों को प्रकाशित किया है या इंटरनेट में वायरल किया है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में अभिभावकों के साथ बैठक भी की जा रही है।

स्कूल प्रबंधन ने दी थी जानकारी
स्कूली बच्चों के अभिभावक कृष्णानंद, गुड्डु सिंह, पुष्पा देवी, आनंद सिंह गैड़ा, कमला देवी, पूरन चंद्र, आनंद सिंह, कैलाश जोशी आदि ने बताया कि बच्चों के बाल कटवाने की बात स्कूल प्रबंधन ने पहले ही बता दी थी।

किस तरह के बाल काटवाने हैं उन्होंने ही शिक्षक से बतसश्स था। अभिभावकों ने कहा हमें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। यह मामला इतना कैसे बढ़ गया हमें पता ही नहीं। कई लोगों के फोन आ रहे हैं और पूछ रहे हैं। जब कुछ हुआ ही नहीं तो क्या बताएं।

प्रबंधक ने आज बुलाई है बैठक
सरस्वती शिशु मंदिर दन्यां के प्रबंधक केशर सिंह चम्याल का कहना है कि घटना की जानकारी इंटरनेट मीडिया से आज मुझे मिली। अवकाश होने के बावजूद आज शाम साढ़े चार बजे विद्यालय में आपात बैठक बुलाई है। संबंधित शिक्षक और अभिभावकों को बुलाया है। फोन पर अभिभावकों ने कोई नाराजगी व्यक्त नहीं की है। कुछ लोग विद्यालय को बदनाम करने की योजना बना रहे हैं।

बेबुनियाद बातों को तूल दे रहे
पूर्व प्रधान. बसाण (दन्यां) डीके जोशी का इस बारे में कहना है कि सरस्वती शिशु मंदिर की छवि से चिढ़े हुए कुछ लोग बेबुनियाद बातों को अनावश्यक तूल दे रहे हैं। जब अभिभावकों की सहमति से सब हुआ है तो किसी को क्या आपत्ति।

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