उत्तराखंड के शैलेश ने अमेरिका में देश का नाम किया रोशन

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अल्मोड़ा ।  पहाड़ के कई युवा विदेशों में नाम कमा रहे हैं। उत्तराखंड की अल्मोड़ा तहसील के मनान क्षेत्र के तल्ला ज्यूला गांव निवासी युवा वैज्ञानिक और उद्यमी डॉ. शैलेश उप्रेती की कंपनी ने 20 से 22 घंटे बैकअप देने वाली बैटरी का निर्माण किया है।

जिसके लिए उनकी कंपनी को 2016 में पांच लाख डॉलर पुरस्कार भी मिल चुका है। वह अमेरिका में कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। 2016 में अमेरिका में हुई स्वच्छ तकनीकी व्यापार प्रतियोगिता में उनकी कंपनी सीसीसीवी ने जीती थी।

न्यूयार्क के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर कैथलीन होचूल ने डा. शैलेष को पांच लाख डॉलर (साढ़े तीन करोड़ रुपये) का चेक पुरस्कार स्वरूप दिया था। इस प्रतियोगिता में विश्व की 176 कंपनियों ने हिस्सा लिया था। शैलेष की कंपनी सीसीसीवी वेलिंगटन न्यूयार्क को यह पुरस्कार 20 से 22 घंटे बैकअप देने वाली बैटरी बनाने पर दिया गया है।

तकनीक को पेटेंट कराया

डा. शैलेष ने ऐसी तकनीक को पेटेंट कराया है जो न केवल लिथियम आयन बैटरी के जीवन को 20 साल के लिए बढ़ाती है। बैटरी की भंडारण क्षमता और शक्ति में भी सुधार करती है। इसे सौर ऊर्चा को स्टोर करने के साथ बिजली से चलने वाली कारों, ट्रकों और बस चलाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

उनकी कंपनी करीब दो सौ लोगों को रोजगार भी दे रही है। डा. उप्रेती की प्रारंभिक शिक्षा मनान, उच्च शिक्षा एसएसजे परिसर से हुई। एमएससी रसायन में गोल्ड मेडलिस्ट डा. उप्रेती ने इसके बाद आईआईटी दिल्ली से पीएचडी की उपाधि ली।

उनका फरवरी 2007 में अमेरिका में फैलोशिप के लिए चयन हो गया।  डा. उप्रेती को पहाड़ से काफी लगाव है। उन्होंने बेड़ू पाको डॉट कॉम नाम से वेबसाइट भी बनाई है, जो उनके पहाड़ प्रेम को दर्शाती है।

 

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