अल्मोड़ा : सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के पहले कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी के त्यागपत्र देने के बाद अब चर्चाओं का बाजार गरमा गया है। पूर्व में हाईकोर्ट ने अवैध करार देते हुए उनकी नियुक्ति निरस्त करने के आदेश दिए थे। अब सुप्रीप कोर्ट से भी जल्द इसका निर्णय आना था। हालांकि कुलपति व्यक्तिगत कारणों से त्यागपत्र देने की बात कह रहे हैं। लेकिन इसपर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
फिलहाल कुलसचिव के पास चार्ज
एसएसजे विवि के कुलपति ने बीते दिवस कुलाधिपति राज्यपाल को त्यागपत्र भेज दिया। वहीं कुलसचिव सुधीर बुढ़ाकोटी को चार्ज दे दिया है। कुलपति का कहना है कि उन्होंने किसी भी तरह के कोई दबाव में त्यागपत्र नहीं दिया है। निजी कारणों के चलते उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया था। वर्तमान में विवि को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। जितना हो सकता था बेहतर कार्य किया गया है।
नियुक्ति को दी गई थी हाई कोर्ट में चुनौती
बीते वर्ष देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान ने जनहित याचिका में कहा था कि राज्य सरकार ने एसएसजे विवि के कुलपति प्रो. एनएस भंडारी की नियुक्ति यूजीसी के नियमावली को दरिकिनार कर की है। नियमावली के अनुसार कुलपति के लिए 10 साल प्राध्यापक पद की सेवा होनी जरूरी है। जबकि प्रो. भंडारी ने प्राध्यापक के पद में करीब आठ वर्ष ही सेवाएं की हैं। बाद में वह उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन के मेंबर नियुक्त हो गए थे। उस दौरान की सेवा उनकी प्रोफेसरशिप में नहीं जोड़ी जा सकती है।
हाई कोर्ट ने नियुक्त कर दी थी निरस्त
उच्च न्यायालय ने याचिका सुनवाई करते हुए उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी थी। कुलपति को सुप्रीप कोर्ट से पद पर बने रहने के लिए स्टे मिला था। इधर अब उनके त्यागपत्र देने के कारण में इस याचिका का भी कयास लगाया जा रहा है। जल्द ही सुप्रीप कोर्ट से यह निर्णय आना था। ऐसे में प्राध्यापक पद पर 10 वर्ष पूरे हुए बगैर कुलपति पद पर नियुक्ति होना बड़ा सवाल था।
कई कार्य अधूरे और कई उपलब्धियां भी जुड़ीं
कुलपति प्रो. एनएस भंडारी नवसृजित एसएसजे विवि के पहले कुलपति हैं। नए विवि की हर एक उपलब्धि कुलपति प्रो. भंडारी के कार्यकाल में हुई हैं। हालांकि कई कार्य अब भी अधूरे हैं। लेकिन विभिन्न एमओयू करार, पिथौरागढ़ परिसर, विभिन्न डिप्लोमा कोर्स, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय वेबीनार व सेमीनार आदि से विवि शिखर पर पहुंचा है।
रसायन विज्ञान विभाग में वापस लौटेंगे कुलपति
कुलपति प्रो. एनएस भंडारी त्यागपत्र देने के बाद अब रसायन विज्ञान विभाग में वापस लौटेंगे। वह पूर्व में भी इसी विभाग में कार्यरत थे। हालांकि फिलहाल त्यागपत्र स्वीकार होने का इंतजार है। अब रविवार को अवकाश के चलते मामले में अग्रिम कार्रवाई नहीं हो सकेगी। जबकि सोमवार के बाद त्यापगत्र स्वीकार और अन्य प्रक्रियाएं की जा सकेंगी।
त्यागपत्र पूरी तरह से व्यक्तिगत कारणों से दिया है। मुझे ऐसा लगा कि मुझे त्यागपत्र दे देना चाहिए, विवि के विकास में मैने अपनी क्षमताओं के अनुसार कार्य किए। -प्रो. एनएस भंडारी, कुलपति एसएसजे विवि अल्मोड़ा।