अल्मोड़ा। खाकी की एक और मानवसेवा मिसाल बन गई। गांव वालों ने सुध न ली तो जिंदगी व मौत के बीच झूल रहे कोरोना संक्रमित की मदद को पुलिस कर्मी पहुंचे। उसे डोली पर बैठा दुरूह सफर तय कर अस्पताल लेकर पहुंचे। सांस की तकलीफ बढऩे पर उसे जिला मुख्यालय रेफर किया गया, मगर उसे बचाया नहीं जा सका। इधर एसएसपी पंकज भट्ट ने अपील जारी कर ग्रामीणों से कहा है कि बीमार को मदद से मुंह न फेरें। जिसे तकलीफ में देखें तत्काल पुलिस को सूचना दें।
मामला विकासखंड के सुदूर मासी क्षेत्र के चौना गांव का है। बीते गुरुवार को गांव के सुभाष बिष्ट ने चौकी पुलिस को सूचना दी कि एक ग्राूमीण की हालत खराब है। उसे सांस लेने में तकलीफ बढ़ रही है। कोरोना संक्रमण के खौफ से ग्रामीण मरीज को अस्पताल ले जाना तो दूर उसके पास जाने में तक कतरा रहे थे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चौकी प्रभारी मासी सुनील धानिक, कांस्टेबल दीपक सक्टा व सुभाष बिष्ट गांव दो किमी पैदल सफर तय कर गांव पहुंचे। पीपीई किट पहनी। फिर जयप्रकाश आर्या (43) को भी पीपीई किट पहना कर उसे डोली में रखा। उसे लेकर सीएचसी लेकर पहुंचे।
कोरोना संक्रमित को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी। इस पर उसे तत्काल कोविड-19 हॉस्पिटल बेस चिकित्सालय अल्मोड़ा रेफर किया गया। मगर जयप्रकाश दम तोड़ गया।
एसएसपी पंकज भट्ट ने कहा कि पुलिस हर वक्त कोरोना मरीजों व अन्य जरूरतमंदों की मदद को तत्पर है। हमारी अपील है कि गांव में कोई भी बीमार पड़े और उसे मदद की जरूरत है तो तत्काल नजदीकी चौकी या थाने को बताएं। ताकि मरीज को समय पर उपचार दिलाया जा सके। जनसहयोग से जनहानि को कम कर कोरोना से मिलकर लड़ा जा सकता है।