अल्मोड़ा। दिव्यांग युवती से दुष्कर्म के एक मामले में सत्र न्यायाधीश प्रदीप पंत ने आरोपी को 10 साल का कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, पीड़िता मंदबुद्धि और दिव्यांग थी। वह गाय और बकरियां चराने जंगल जाती थी। आरोपी योगेंद्र पांडे पुत्र गणेश दत्त पांडे निवासी भांगादेवली मोतियापाथर जिला अल्मोड़ा ने जंगल में पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। गर्भवती होने पर पीड़िता ने कुछ माह बाद अपनी मां को घटना के बारे में बताया।
अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाह पेश
इसके बाद पीड़िता के पिता ने 11 जून 2018 को घटना की रिपोर्ट थाना लमगड़ा में दर्ज कराई। पूछताछ में पीड़िता ने यह भी बताया कि आरोपी ने घटना के बारे में किसी को बताने पर चाकू से मारने की भी धमकी दी थी। इस मामले की सुनवाई सत्र न्यायाधीश प्रदीप पंत की अदालत में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाह पेश कराए गए।
अभियोजन पक्ष की ओर से प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) शेखर चंद्र नैल्वाल, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी हरीश मनराल ने पैरवी की। निर्भया प्रकोष्ठ की अधिवक्ता अभिलाषा तिवारी ने भी सहयोग किया।
सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पत्रावली में मौजूद और मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्यों का अध्ययन करने के बाद आरोपी योगेंद्र पांडे उर्फ योगी को धारा 376 (दो) एल के तहत 10 साल का कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई, जबकि धारा 506 में एक साल के कारावास की सजा सुनाई है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।