रानीखेत। रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे से तमाम गावों को जोड़ने वाले मार्ग की बदहाली की सुध न लेने पर क्षेत्र के युवाओं ने गाधीगिरी के जरिए विभाग को चेताया। ध्वस्त सड़क तथा हवा में झूल रहे क्रश बैरियर के समीप अगरबत्ती जलाकर श्रद्धाजलि दी गई। विभाग पर गावों की उपेक्षा का आरोप भी लगाया गया। चेतावनी दी कि यदि जल्द सड़क दुरुस्त नहीं की गई तो आदोलन किया जाएगा।
रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे से तिपोला, टूनाकोट, मंडलकोट, हल्द्वीयानी, बगवान, लछीना, मनारी आदि तमाम गावों को जोड़ने के लिए वर्षों पूर्व मोटर मार्ग का निर्माण किया गया था। वर्ष 2018-19 में करोड़ों रुपये की लागत से मोटर मार्ग पर डामरीकरण, सुरक्षात्मक कार्य व कलमठ निर्माण किया गया। गुणवत्ताविहीन कायरें के चलते अब मार्ग दम तोड़ने लगा है। जगह-जगह मोटर मार्ग खस्ताहाल में है। तिपोला के समीप बीते छह माह से ध्वस्त हुई सड़क की सुध नहीं ली जा रही है। क्रश बैरियर हवा में लटके पड़े हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को क्षेत्र के युवाओं ने गाधीगिरी के जरिए विभाग को चेताया। ध्वस्त सड़क व क्त्रश बैरियर के समीप अगरबत्ती जलाकर श्रद्धाजलि दी। युवाओं ने कहा कि विभाग गावों की उपेक्षा पर आमादा है। ग्रामीणों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। जल्द मोटर मार्ग दुरुस्त ना करने पर आदोलन की चेतावनी दी।
इस दौरान सुनील मेहरा, पंकज नेगी, बलवंत सिंह, गोविंद सिंह, पूरन सिंह, बालम सिंह, मोहन सिंह, पान सिंह आदि मौजूद रहे।
35 किमी रोड संभाल रहा एक कार्मिक
पर्वतीय क्षेत्रों में भी विभाग के हाल अजब गजब है। 35 किमी लंबे मोटर मार्ग की देखरेख व सुरक्षा की जिम्मेदारी महज एक कर्मचारी पर है। विभाग के हीरा सिंह ही पूरे मार्ग पर सफाई व देखरेख की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं।
पाच वर्ष तक रखरखाव की जिम्मेदारी
पहाड़ की सड़कें बजट ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। ग्रामीणों ने मोटर मार्ग को दुरुस्त न करने पर ठेकेदार व विभाग की मिलीभगत का आरोप भी लगाया। कहा कि मोटर मार्ग मरम्मत के बाद पाच वर्ष तक जिम्मेदारी ठेकेदार की होती है। विभाग मरम्मत कार्यो के लिए ठेकेदार का धन भी रोकता है। फिर भी मार्ग की सुध नहीं ली जा रही।