अल्मोड़ा : भौसियाछाना ब्लाक में दीपावली के दिन बाड़ेछीना से अलई गांव को जा रहा एक बुलेरो वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। घटना में एक की मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हो गए। एक घायल की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिसका उपचार जिला अस्पताल में किया जा रहा है।
बाड़ेछीना से एक बुलेरो संख्या यूके 01 टीए-3315 अलई के पास सड़क छोड़ लगभग पांच मीटर नीचे खाई में जा गिरी। घटना के समय वाहन में 12 यात्री सवार थे। जिसमें दो यात्रियों को गंभीर चोटें आईं। उनको क्षेत्र के ग्रामीण स्वयं के वाहन से बाड़ेछीना अस्पताल ले गए, जहां पर चिकित्सक न होने के कारण उपचार नहीं मिल सका। बाद में ग्रामीण घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेटशाल लेकर गए। वहां पर चिकित्सकों ने दोनों गंभीर घायलों को अल्मोड़ा जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। अल्मोड़ा जिला अस्पताल में उपचार के दौरान घायल हरीश राम पुत्र (40) जशोद राम ने दम तोड़ दिया। वहीं घायल रजुली देवी (40) पत्नी ठाकुर राम का जिला अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। घायल रजुली देवी ने बताया कि वाहन में 12 से अधिक लोग सवार थे। सभी बाड़ेछीना से दीपावली का सामान खरीदकर घर को लौट रहे थे। गाड़ी भी गांव का ही युवक सुरेश चला रहा था। गाड़ी कैसे गिर गई, कोई समझ नहीं पाया। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि वाहन में सवार अन्य लोगों को हल्की चोटें आई थी, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छ़ट्टी दे दी गई। प्रथम दृष्टया सड़क धंसने के कारण हादसा होना प्रतीत हो रहा है। घायलों की ओर से अभी कोई तहरीर नहीं आई है। मृतक का पोस्टमार्टम कर शव स्वजनों को दे दिया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
– हरीश जोशी, राजस्व उपनिरीक्षक पेटशाल
वाहन में मानकों से अधिक थे यात्री
दीपावली पर्व को लेकर वाहनों में जमकर ओवरलोडिग हो रही है। इस ओवरलोडिग से हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता है। दीपावली पर्व पर भी परिवहन विभाग व पुलिस विभाग की ओर से कोई चेकिग अभियान न चलाए जाने से इस तरह के हादसे होते है। बाडे़छीना में घायलों को नहीं मिला उपचार
भैसियाछाना ब्लाक के अलई में हुई दुर्घटना के घायलों को पहले बाडे़छीना अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां चिकित्सक नहीं होने के कारण उन्हें उपचार नहीं मिल पाया। ग्रामीण घायलों को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेटशाल पहुंचे, जहां पर 10 घायलों को प्राथिमक उपचार देकर छ़ट्टी दे दी गई। वहीं दो गंभीर घायलों को अल्मोड़ा जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं त्योहार के दौरान दुर्घटना की संभावना रहती है। ऐसे में चिकित्सक का अस्पताल में न होना स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर सवाल उठाता है।