उत्तराखंड के अल्मोड़ा में एक पिता ने बड़े अरमानों से बेटी की डोली को विदा किया और दूसरे दिन खुद भी दुनिया को अलविदा कह किया। जिस घर में एक दिन पहले तक शहनाइयां गूंजी थीं वहां अब मातम है। ससुराल जाने के एक दिन बाद ही विवाहित बेटी मायके पहुंची और पिता की अर्थी को कंधा दिया।नगर के टम्टा मोहल्ला निवासी भूपेंद्र कुमार टम्टा (64) की दूसरे नंबर की बेटी दिव्या की 18 नवंबर को धूमधाम से शादी हुई। बरात धारानौला से आई थी। पिता भूपेंद्र कुमार टम्टा ने बड़े अरमानों से बेटी की डोली को विदा किया।बेटी के ससुराल में पहुंचने के दूसरे दिन ही 19 नवंबर को उनका निधन हो गया। उनकी बड़ी बेटी दीप्ति सोनकर मुरली मनोहर वार्ड की सभासद हैं। एक बेटा विशाल कुमार टम्टा अविवाहित है। स्व. टम्टा जय ज्वाला मां मंदिर समिति के अध्यक्ष और पूर्व सैनिक लीग के सचिव रिटायर्ड नायब सूबेदार सुरेंद्र लाल टम्टा के छोटे भाई थे।सुरेंद्र लाल के मुताबिक 19 नवंबर की रात भूपेंद्र की अचानक तबियत बिगड़ गई। उन्हें उपचार के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर किया। भूपेंद्र की पत्नी संतोष टम्टा समेत अन्य परिजनों रो-रोकर बुरा हाल है।