अल्मोड़ा में सल्ट के मरचूला क्षेत्र में शुक्रवार शाम अतिवृष्टि से भारी तबाही हुई है। मलबा आने से मरचूला-रामनगर, पौड़ी, गौलीखाल, मोहान-मछोड़ मार्ग 19 घंटे तक अवरुद्ध रहे। करीब आधा दर्जन गांवों की पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं।मकानों के आंगन टूट गए हैं। पेयजल लाइनें ध्वस्त हो गई हैं और पैदल रास्ते भी टूट गए हैं। मरचूला और सांकर में दो दुकानों में मलबा घुसने से सारा सामान नष्ट हो गया है। प्रशासन इन मार्गों में 19 घंटे बाद शनिवार दिन में यातायात बहाल कर सका।तहसील क्षेत्र के झड़गांव, मरचूला, सांकर, चिमटाखाल, हरड़ा आदि स्थानों पर रात शुक्रवार शाम पांच बजे से 10 बजे तक काफी अधिक बारिश हुई। नदी नाले उफान पर आ गए। ऊपरी क्षेत्रों से गधेरों में काफी मात्रा में मलबा बहकर आ गया।
लोग इस घटना को बादल फटना बताने लगे। मलबे से रामनगर-मरचूला-डोटियाल मार्ग झड़गांव, मरचूला, सांकर में, मरचूला-पौड़ी एनएच पर मरचूला में, मरचूला-गौलीखान मार्ग में मरचूला के पास, मोहान-मछोड़ मार्ग में हरड़ा भौनखाल के पास काफी मात्रा में मलबा आ गया।इससे शाम पांच बजे से यह मार्ग बंद हो गए। काशीपुर निवासी भगवत रावत अपने तीन अन्य साथियों के साथ अल्टो कार पर सवार होकर मरचूला से रामनगर की ओर लौट रहे थे, लेकिन बंदराण और नागतले पर मलबा आने से उनकी कार बीच में फंस गई और उन्हें पूरी रात सड़क पर ही गुजारनी पड़ी। मरचूला निवासी धर्मेंद्र कुमार घर जा रहे थे। सांकर नाले में उनकी अल्टो कार सड़क से नीचे दस मीटर तक बह गई। उन्होंने कूदकर किसी तरह जान बचाई।
काशीपुर जा रही एक बोलेरो पहाड़ी से पत्थर गिरने से क्षतिग्रस्त हो गई। संयोग से उसमें सवार तीन लोगों की जान बच गई। गधेरे का मलबा मरचूला में वीरेंद्र सिंह के ढाबे में मलबा घुस गया और सारा सामान नष्ट हो गया।
सांकर में पूरन सिंह के ढाबे का सारा सामान बह गया। सांकर गांव में बालम सिंह समेत तीन अन्य लोगों के घरों के आंगन क्षतिग्रस्त हो गए हैं और मकान खतरे की जद में आ गए हैं। वहीं कृषि भूमि को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
लोनिवि ने शनिवार सुबह पांच बजे मौके पर एक जेसीबी भेजी और सड़कों से मलबा हटाने के काम शुरू किया। बाद में एक अन्य जेसीबी भी सड़कों को खोलने का काम शुरू किया। शनिवार दोपहर करीब 12 बजे इन मार्गों पर यातायात सुचारु हो सका।
इन गांवों में हुई है क्षति
अतिवृष्टि से झड़गांव, मरचूला, सांकर, चिमटाखाल, हरड़ा आदि कई गांवों में पेयजल योजनाओं के पाइप बह गए हैं। इससे इन गांवों में पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है। पैदल रास्तों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। इस कारण गांवों में मूलभूत सुविधाओं की कमी हो गई है। इससे चिंतित ग्रामीणों ने प्रशासन से मूलभूत सुविधाएं बढ़ाने की मांग की है।
अतिवृष्टि की सूचना मिलने के बाद ही तहसीलदार और राजस्व उपनिरीक्षक को मौके पर भेजा गया है। क्षेत्र में बंद पड़ी सड़कों को खोल दिया गया है। क्षति का आकलन कराया जा रहा है। क्षति में क्षति के आकलन के बाद प्रभावितों को दैवी आपदा मद से मुआवजा दिलाया जाएगा।
– राजकुमार पांडे, उपजिलाधिकारी, सल्ट