अल्मोड़ा। प्रसिद्ध जागेश्वर धाम को आगामी एक जुलाई से अल्मोड़ा जिले के श्रद्धालुओं के लिए मात्र दर्शन के लिए खोला जाएगा। इस दौरान यज्ञोपवीत और कर्मकांड आदि नहीं होंगे और हर रोज अधिकतम 100 लोग ही दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें पास बनाना जरूरी होगा। कलक्ट्रेट में डीएम नितिन सिंह भदौरिया की अध्यक्षता में जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की बैठक में यह फैसला लिया गया।
बैठक में वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए जागेश्वर धाम को श्रद्धालुओं के लिए खोलने के बारे में सभी के सुझाव लिए गए। सभी सदस्यों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की सहमति के आधार पर निर्णय लिया गया कि जागेश्वर धाम को एक जुलाई से अल्मोड़ा जिले के श्रद्धालुओं के लिए सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक खोला जाएगा। वह भी सिर्फ दर्शन कर सकेंगे। इस दौरान अन्य धार्मिक क्रियाकलाप यज्ञोपवीत, कर्मकांड आदि बंद रहेंगे। मंदिर में दर्शन के लिए हर रोज अधिकतम 100 लोगों को अनुमति दी जाएगी।
पास के बगैर मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं
इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन पास जारी किए जाएंगे। पास के बगैर मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। डीएम भदौरिया ने निर्देश दिए कि मंदिर परिसर को समय-समय पर सैनिटाइज और स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार मास्क और दूरी का पालन करना होगा। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और बिना कोविड लक्षण वाले व्यक्तियों को ही प्रवेश दिया जाएगा। इस दौरान आरतोला और भगरतोला के बैरियरों में एंट्री प्वाइंट बनाए जाएंगे और वहां श्रद्धालुओं के पास आदि चेक किए जाएंगे।
आज की बैठक में 15 जुलाई से होने वाले श्रावणी मेले के बारे में कोई फैसला नहीं हो सका। यह तय हुआ कि जुलाई पहले सप्ताह में एक और बैठक कर इस बारे में फैसला लिया जाएगा। बैठक में एसडीएम मोनिका, जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भगवान भट्ट, सूचना विज्ञान अधिकारी अमित लांबा, मंदिर प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष गोविंद गोपाल, ज्येष्ठ उपप्रमुख धौलादेवी योगेश भट्ट, बीडीसी सदस्य महेश राम, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नारद भट्ट, श्रीराम प्रसाद, कमल बिष्ट, पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चैहान आदि थे।