शांतिकुंज में स्वयंसेवक ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखी चैंकाने वाली बात

0
326

हरिद्वार। अध्यात्मिक संस्था शांतिकुंज में छत्तीसगढ़ के एक स्वयंसेवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने अपने मोबाइल फोन पर चंद लाइन का सुसाइड नोट भी छोड़ा है। घटनास्थल का मौका मुआयना कर हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

शहर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि बस्तर छत्तीसगढ़ निवासी राजेंद्रनाथ (45) पुत्र भगतूराम वर्ष 1996 से शांतिकुंज में रहा रहा था। उसकी शादी वर्ष  2008 में रामशीला से हुई थी। दंपती शांतिकुंज कैंपस में ही रह रहा था।

बुधवार की सुबह पत्नी रामशीला यज्ञ में शामिल होने गई थी। वह जब लौटकर आई तब देखा कि नायलॉन की रस्सी के फंदे के सहारे राजेंद्रनाथ लटके हुए थे।  महिला के चीखने चिल्लाने पर आसपास के लोग एकत्र हो गए। सूचना मिलने पर सप्तऋषि चैकी पुलिस पहुंच गई। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि जब तक उसे नीचे उतारा गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

उन्होंने बताया कि मृतक के मोबाइल फोन से चंद लाइन का एक सुसाइड नोट मिला है। लिखा है कि उसकी मौत का जिम्मेदार वह स्वंय है, लिहाजा उसकी पत्नी को परेशान न किया जाए। उसका मोबाइल फोन कब्जे में ले लिया है। राजेंद्रनाथ संस्था के मीडिया विभाग में कार्यरत था। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। 

एक लाइन ने हर किसी को चैंकाया
स्वयंसेवक राजेंद्रनाथ के मोबाइल फोन में लिखे सुसाइड नोट में एक लाइन ऐसी लिखी है, जिसने हर किसी का ध्यान खींचा है। दरअसल, छत्तीसगढ़ निवासी राजेंद्रनाथ ने लिखा है कि उसने किसी को कोई जानकारी नहीं दी है। यह लाइन बेहद ही चैंकाने वाली है।

आखिर वह क्या जानकारी थी। मृतक किस बात से इतना परेशान था कि उसे मौत को गले लगाना पड़ गया। ऐसे कई सवाल हैं। यह लाइन इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि क्योंकि हाल ही में छत्तीसगढ़ की ही युवती ने शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या पर दुष्कर्म का आरोप जड़ते हुए मुकदमा दर्ज कराया है, जिसकी जांच चल रही है। 

मोबाइल फोन से क्लू मिलना तय 
मृतक के मोबाइल फोन को यदि ढंग से खंगाला जाए तो निश्चित तौर पर कोई न कोई क्लू अवश्य मिलेगा। इसलिए पुलिस ने फोन कब्जे में ले लिया है। सीडीआर से साफ होगा कि कौन-कौन लोग उसके संपर्क में थे। अधिक संपर्क में कौन रहता था। 

LEAVE A REPLY