अपराध का नहीं हुआ खुलासा तो जिम्मेंदारों पर गिरेगी गाज- डीजी अशोक कुमार

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देहरादून। संवाददाता। उत्तराखंड में अब अगर किसी अपराध को तय समय में पुलिस न सुलझा पाई तो थाना, चौकी इंचार्ज पर गाज गिर सकती है। प्रदेश के डीजी (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार ने राज्य के सभी एसएसपी, एसपी को आदेश जारी कर दिया है कि 6 महीने पहले हुई सभी आपराधिक घटनाओं के निस्तारण के लिए जिलों में विशेष टीमें गठित करें। डीजी (कानून-व्यवस्था) ने ऐसे थाने-चौकियों पर कार्रवाई करने को भी कहा है जो आपराधाधिक मामले सुलझाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

रिकॉर्ड अच्छा है लेकिन

उत्तराखंड में अपराध दूसरे राज्यों की तुलना में कुछ कम होते हैं और यहां अपराध सुलझाने की राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। डीजी (कानून-व्यवस्था) अशोक कुमार ने बताया कि उत्तराखंड में लूट के मामले सुलझाने की दर 88 फ़ीसदी और डकैती के मामले सुलझाने की दर 100 फ़ीसदी है।

लेकिन एक ऐसा मामला है जिसकी वजह से उत्तराखंड पुलिस बैकफ़ुट पर नज़र आ रही है। यह मामला है ऋषिकेश में हुई लूट का दरअसल, देश के टॉप 10 आदर्श पुलिस स्टेशनों में गिने जाने वाले वाली ऋषिकेश कोतवाली पांच महीने पहले सर्राफ़ व्यापारी से लूट का मामला सुलझा नहीं पा रही है।

हैरान करने वाला मामला

बता दें कि मई में ऋषिकेश में बाइक सवार हथियारबंद बदमाशों द्वारा सरेआम सर्राफा व्यापारी को गोली मारकर लाखों के ज़ेवरातों से भरा बैग लूट लिया था। घटना के वक्त बदमाशों ने पीड़ित ज्वेलर्स की पीठ में गोली मारी थी जिससे उनके शरीर का निचला अंग पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो गया।

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