अब चखिए मंडुवे, चौलाई और मक्के के बिस्कुट

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मंडुवे, चौलाई और मक्के के बिस्कुट

कपकोट । उत्तराखंड के कपकोट ब्लॉक के मुनार गांव में महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह बनाया है। यह समूह मंडुवे, चौलाई और मक्के के बिस्कुट बना रहा है। इन्हें हिलांश के नाम से बाजार में बेचा जा रहा है। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम में भी इसका जिक्र कर चुके हैं। तब से इनकी मांग बढ़ती जा रही है।
आजीविका परियोजना कपकोट के ब्लॉक समन्वयक हरीश पांडा ने बताया कि मां चिल्टा स्वायत्त सहकारिता समिति लोहारखेत, मुनार मंडुवे, चौलाई, मक्के के बिस्कुट बना रहे हैं। मांग बढ़ने से इनका उत्पादन भी बढ़ गया है। मांग को देखते हुए इसकी पैकिंग पर विशेष ध्यान दिया गया है।
पहले 250 ग्राम के मंडुवे के बिस्कुट को 25 रुपये में बेचा जा रहा था अब इसकी कीमत 35 रुपये कर दी गई है। चौलाई और मक्के के बिस्कुट के दाम भी नई पैकिंग में यही रखी गई है। नई पैकिंग के बाद इसकी मांग और बढ़ने की उम्मीद है। दूरदराज से लोग इसको खरीद रहे हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों और सरस मार्केट आदि सरकारी काउंटरों पर भी मंडुवे, चौलाई, मक्के के बिस्कुट उपलब्ध हैं। सहकारिता से जुड़े सदस्यों में भी उत्पादित माल की मांग बढ़ने से काफी उत्साह देखा जा रहा है।
मां चिल्टा स्वायत्त सहकारिता, लोहारखेत, मुनार में स्थापित यूनिट में उत्पादन बढ़ गया है। पहले उत्पादन पांच किलो तक होता था। अब उत्पादन बढ़कर 10 किलो हो गया है। यहां प्रतिदिन प्रतिदिन मंडुवे, चौलाई और मक्के के 40 पैकेट बिस्कुट बनाए जा रहे हैं।
बिस्कुट के पैकेट का भार कीमत
मडुवा 300 ग्राम 50 रुपये
मडुवा 250 ग्राम 35 रुपये
चौलाई 300 ग्राम 50 रुपये
मक्का 300 ग्राम 50 रुपये
समूह द्वारा बनाए जा रहे बिस्कुटों की मांग लगातार बढ़ रही है। यूनिट में काम कर रहे लोगों में भी काफी उत्साह है। उत्पादन को लगातार बढ़ाकर लोगों को रोजगार दिया जा रहा है।

  • धर्मेंद्र कुमार पांडे, प्रंबधक, आजीविका परियोजना

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