बागेश्वर। डोबा, सिमी नगरबोल क्षेत्र के प्रवासियों के विकास भवन परिसर में गत दिनों धरने के बाद प्रशासन जाग गया है। शुक्रवार को एबीडीओ की टीम गांव पहुंची। प्रवासियों से बातचीत की और उन्हें मनरेगा के तहत काम देने का निर्णय लिया गया। प्रवासियों ने कहा कि वह पिछले वर्ष मार्च से बेरोजगार हैं। जिसके चलते उनकी रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है।
ग्राम पंचायत भवन में आयोजित बैठक में एबीडीओ केडी जोशी ने कहा कि प्रवासियों के लिए सरकार ने तमाम योजनाएं बनाई हैं। लघु, मझौले उद्योग आदि भी वे लगा सकते हैं। जिसके लिए पर्यटन, उद्योग आदि विभाग समय-समय पर साक्षात्कार कर रहे हैं। जिसके लिए उन्हें आनलाइन आवेदन करने हैं। इसके अलावा प्रवासियों के लिए छह माह मनरेगा के तहत रोजगार गारंटी भी दी गई है। उन्होंने कहा कि सरकार की मशां है कि कोरोनाकाल में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए और उसके हाथों को काम भी मिले। समाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर पांडे ने कहा कि गत दिनों विकास भवन में प्रवासियों ने धरना दिया। उसके बाद जिला प्रशासन जागा है। उन्होंने कहा कि उनके गांव में एक हजार से अधिक प्रवासी घर लौटे हैं। वह दिल्ली, मुंबई, गाजियाबाद, पंजाब, हरियाणा आदि शहरों के होटलों में काम करते थे। लॉकडाउन के बाद वह घर पर हैं। जिसके कारण उनकी आर्थिकी स्थिति कमजोर हो गई है। बैठक में आगामी छह माह के लिए मनेरगा के तहत रोजगार का प्रस्ताव पारित किया गया। इस दौरान ग्राम विकास अधिकारी बहादुर देव, अखिलेश गोस्वामी, गिरीश पांडे, सुरेश पांडे, घनश्याम पांडे आदि मौजूद थे।