बागेश्वर। महानगरों से लौटे प्रवासियों ने गांव में पाठशाला खोल दी है। कोरोनाकाल मे स्कूल बंद होने पर घर बैठे बच्चों का फिर से किताबों के साथ जुड़ाव हो गया है।
गरीब परिवारों के बच्चे स्मार्ट फोन नहीं होने से ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों तक डायट पत्रक पहुंचा रहे हैं। इधर, डोबा कत्यूर क्षेत्र के तमाम गांवों में आए प्रवासियों ने बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा लिया है। सिमी नरगगोल गांव निवासी चंद्रशेखर पांडे ने बताया कि प्रवासी पुष्कर सिंह, मदन सिंह, राजेंद्र सिंह लॉकडाउन के बाद घर आ गए। उन्होंने इस बीच ग्राम प्रधान के निवास पर शाम चार से आठ बजे तक बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा संभाला है। वह कक्षा तीन से दस के बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। ग्राम प्रधान भुवन सिंह ने बताया कि प्रवासियों की इस पहल को सराहा।