सेना में अफसर बना कत्यूर घाटी का लाल

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गरुड़। तहसील के सीमा गांव निवासी मेघ पंत भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गए हैं। वह शनिवार को आईएमए देहरादून में आयोजित पासिग आउट परेड में भारतीय सेना के अंग बने। मेघ के लेफ्टिनेंट बनने पर उनके पैतृक गांव में खुशी का माहौल है। ग्रामीण मेघ की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं।

कत्यूर घाटी के सीमा गांव निवासी मेघ पंत आईएमए देहरादून से पासआउट होकर लेफ्टिनेंट बन गए हैं। मेघ अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र हैं। उनके पिता भाष्कर चंद्र पंत भी आर्मी मेडिकल कोर से रिटायर हैं, जबकि माता ममता भी आर्मी स्कूल में अध्यापिका रह चुकी हैं। मेघ की बहन मेघना एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत है। मेघ के दादा व परदादा पुलिस विभाग में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। मेघ की प्रारंभिक शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल पुणे में और 12वीं तक की शिक्षा आर्मी पब्लिक स्कूल धौलाकुंआ, दिल्ली से हुई। 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उनका चयन एनडीए खड़ंगवासला, पुणे में हुआ। मेघ बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि व बहुत परिश्रमी रहे हैं। पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें गिटार बजाना व पेंटिग करने का बहुत शौक है। मेघ ने अफसर बनने के लिए चार साल कड़ी मेहनत की। मेघ ने अपनी कामयाबी का श्रेय माता-पिता, परिवार व गुरुजनों को दिया है।

सीमा गांव के इस लाल के लेफ्टिनेंट बनने पर पूरा गांव गौरवांवित है। मेघ की इस उपलब्धि पर गांव के सरपंच व वृक्षप्रेमी दिनेश लोहनी, ग्राम प्रधान हेमा पंत, ख्याली राम लोहनी, पूरन चंद्र लोहनी, दीप चंद्र लोहनी, हरीश पंत, भुवन पंत, पूरन चंद्र पंत आदि ने खुशी जाहिर करते हुए बधाई दी है।

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