प्रतिदिन 20 लाख लीटर सीवर कर रहे नदी को प्रदूषित

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बागेश्वर।     सरकार जिले में स्वच्छता अभियान के नाम पर जनता के करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। हकीकत यह है कि प्रतिदिन 20 लाख लीटर सीवर जीवनदायिनी नदियों में जाकर उसे प्रदूषित कर रहा है। पालिका चुनाव हो, विधानसभा का या फिर लोकसभा हर चुनाव में यह मुद्दा प्रमुखता से उठता है। लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद सीवर लाइन का मुद्दा हाशिए में चला जाता हैं।

जिला मुख्यालय की आबादी करीब 30 हजार है। यहां प्रतिदिन 20 लाख लीटर सीवर सरयू व गोमती नदी में बहाया जा रहा है। पिछले 20 सालों से यहां के लोग सीवर लाइन की मांग कर रहे है। सीवर लाइन के लिए डीपीआर भी बनाई गई, लेकिन जनप्रतिनधियों व शासन-प्रशासन की उपेक्षा से आज तक यह योजना धरातल में नही उतर पाई। जल निगम की मानें तो आने वाले समय में यह समस्या और भी विकराल होती जाएगी। अगर सीवर लाइन नही बनती तो 2031 तक 32 लाख लीटर और 2046 तक 52 लाख लीटर सीवर का गंदा पानी नदियों में समाएगा। जिसका सीधा असर नदियों के अस्तित्व पर पड़ेगा।
जल निगम ने सीवर लाइन की योजना भी बनाई थी। 39 करोड़ से बनने वाली यह योजना सरकारी लापरवाही के कारण लैप्स हो गई है। अब विभाग अमृत योजना के तहत सीवर लाइन का प्रस्ताव बनाने की बात कह रहा है। योजना के तहत 32 लाख लीटर का सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बनना प्रस्तावित है। यह कब तक होगा यह समय ही बताएगा, लेकिन तब तक सदानीरा नदियां प्रदूषित होते रहेगी।
सीपीएस गंगवार, ईई, जलनिगम ने बताया कि मुख्यालय में अगर सीवर लाइन योजना बनती है तो इस समस्या का समाधान हो जाएगा। विभाग प्रयास कर रहा है उम्मीद है कि जल्द ही यह योजना मूर्त रूप लेगी।

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