अमेरिकन वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में सामने आई चमोली आपदा की वजह

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चमोली। उत्तराखंड के चमोली की नीती घाटी में आई भयावह प्राकृतिक आपदा भूस्खलन के साथ ही लाखों टन बर्फ के नीचे खिसकने का दुष्परिणाम है। यह मानना है  वैज्ञानिकों की प्रतिष्ठित संस्था अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन का। संस्था की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिस जगह प्राकृतिक आपदा आई, वहां 5600 मीटर की ऊंचाई से पहाड़ की हजारों टन वजनी बड़ी-बड़ी चट्टानें व लाखों टन बर्फ सीधे 3800 मीटर तक नीचे जा गिरीं। 

कई हजार टन वजनी भारी भरकम चट्टानों और लाखों टन बर्फ के नीचे तेजी से गिरने की वजह से भयावह आपदा आई और काफी जनहानि के साथ ही करोड़ों का आर्थिक नुकसान हुआ। चमोली की नीती घाटी में आई भयावह आपदा पर वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी,  इसरो, डीआरडीओ समेत देश के तमाम वैज्ञानिक संस्थानों के साथ ही अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान समेत यूरोप के कई देशों के वैज्ञानिकों की टीमें तमाम पहलुओं को लेकर अध्ययन कर रही हैं। 

चमोली में आपदा के बाद का नजारा

अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन के वैज्ञानिकों का मानना है कि हजारों टन वजनी चट्टानों व लाखों टन बर्फ के सीधे दो किलोमीटर तक लगातार नीचे गिरने की वजह से इलाके में तापमान तेजी से बहुत अधिक बढ़ गया और इस तापमान के चलते बर्फ तेजी से पिघल गई। परिणामस्वरूप नदी में अचानक जलप्रलय आ गई जिसकी वजह से भारी तबाही हुई। 

चमोली आपदा को लेकर शोध कर रहे अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन के कई वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि जिस तरीके से पूरी दुनिया में पर्यावरण में बदलाव हो रहा है और जलवायु परिवर्तन के तमाम दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में चमोली जैसी प्राकृतिक आपदाएं भविष्य में और बढ़ेंगी जिसके लिए दुनिया के सभी देशों को ना सिर्फ सतर्क रहना होगा, वरना ऐसी आपदाओं को रोकने को लेकर अधिक से अधिक मॉनीटरिंग की जरूरत होगी।

अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन के वैज्ञानिकों ने आपदा के बाद केंद्र व राज्य सरकार की ओर से चलाए गए अभियान की भी सराहना की है। वैज्ञानिकों का मानना है कि आपदा के बाद तत्काल बाद केंद्र व राज्य सरकार के साथ ही तमाम वैज्ञानिक संस्थानों के वैज्ञानिकों ने जिस गति से रेस्क्यू अभियान चलाया वह सराहनीय है। वैज्ञानिकों का कहना है कि साल 2012 में नेपाल में आई आपदा के बाद सरकार को अभियान शुरू करने में कई दिन लग गए थे। इतना ही नहीं वैज्ञानिकोें ने आपदा के बाद लापता लोगों के सुरक्षित बचने की भी कामना की है।

 

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