आपदा प्रभावितों ने किया जमकर हंगामा, एनटीपीसी के जीएम को घेरा

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चमोली। ऋषि गंगा नदी में आये शैलाब के छठवें दिन भी टनल के अंदर फंसे लोगों का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। जिसके चलते परिजनों ने घटना स्थल पर जाकर जमकर हंगामा काटा। लोगों का आरोप है कि घटना के पांच दिन बाद भी अभी तक गुमशुदा लोगों का कोई पता नहीं चल पाया है। यहां पहुंचे परिजनों ने एनटीपीसी व प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहीर की। इस दौरान गुस्साए लोगों ने एनटीपीसी के जीएम को घेर लिया।

झील का अध्ययन करने के लिए भेजे जाएंगे एयरड्रॉप किए जाएंगे विशेषज्ञ
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि हमें रैणी गांव के पास एक झील बनने के बारे में जानकारी है। हमें सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं। हम समीक्षा के लिए विशेषज्ञों को एयरड्रॉप करने की योजना बना रहे हैं।

राशन और आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने का काम जारी
सात फरवरी की घटना के बाद से सूकी, लता और भलगौन गांवों में राशन और आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने का काम जारी है।

आपदा से कट चुके गांवों में पहुंचाई जा रही रसद
चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा से कट चुके गांव सुकी, लता और भलगांव में हेलीकॉप्टर से राशन और आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई जा रही हैं।

सैलाब ने छीन लिया रीना का संसार, थम नहीं रहे आंसू
ऋषिगंगा में आई आपदा ने रीना देवी का संसार ही उजाड़ दिया है। तपोवन परियोजना में रीना देवी के पति नरेंद्र कुमार काम करते थे, जो आपदा के बाद से लापता हैं। तब से रीना देवी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। परिजन उन्हें ढांढस बंधा रहे हैं। क्षेत्र में ऐसे कई परिवार हैं जहां मातम और सन्नाटा है। रीना देवी के तीन बच्चे हैं, 14 साल की ओम प्रिया, 12 साल का ओम प्रियांशु और 10 साल का ओम दिव्यांशु हैं।

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