चमोली। चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आई तबाही के बाद तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की एक सुरंग में फंसे करीब 34 व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। पर सुरंग में मलबा अधिक होने के कारण मुश्किलें पेश आ रही हैं, सुरंग के अंदर एक वाहन भी फंसा है। ऐसे में टनल के मुख्य द्वार से मलबा हटाने में देरी होने के बाद अब बीच से रास्ता ढूंढने की कोशिश की जा रही है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आइटीबीपी और सेना वहां बचाव व राहत कार्य संचालित कर रहे हैं। वहीं, 206 लापता लोगों में से 32 के शव अब तक बरामद हो चुके है, जबकि टीम को सात मानव अंग भी मिले है। इधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी लगातार प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और हालातों का जायजा ले रहे हैं।
टनल में पहुंचने को की जा रही ड्रिलिंग
तपोवन स्थित टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए आज टनल में दाखिल होने के लिए तीसरा रास्ता तलाशा जा सकता है। टनल के मुख्य द्वार से मलबा हटाने में देरी होने के बाद अब बीच से रास्ता ढूंढने की कोशिश की जा रही है। पहले एसडीआरएफ या एनडीआरएफ का जवान टनल में उतारा जाएगा, जो अंदर की स्थिति का जायजा लेंगे। इसके लिए ड्रिलिंग की जा रही है। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि करीब ढाई किलोमीटर लंबी टनल में अब तक डेढ़ सौ मीटर तक ही मलबा साफ हो पाया है। टनल में एक ही मशीन काम करने के कारण मुश्किलें सामने आ रही हैं, जबकि 180 मीटर पर एक राइट बैंड भी है। डीजीपी ने बताया कि अब तक 32 शव बरामद हो चुके हैं, इनमें दो पुलिस कर्मचारी भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आपदा के कारण 13 गांव का संपर्क कट गया है, जहां रोप-वे के सहारे सुरक्षाकर्मी और बाहर फंसे ग्रामीणों को राशन भी पहुंचाया जाएगा।