देहरादून। ऋषिगंगा में आई जल प्रलय से कम से कम 197 लोग अभी भी लापता हैं, इनमें से टनल में फंसे हुए करीब 35 मजदूरों को निकालने की कवायद जारी है। वहीं, 28 शव निकाले जा चुके हैं, इनमें से 2 की शिनाख्त हो गई है। सभी शव टनल से और आसपास के क्षेत्रों में नदियों के किनारे से मिले हैं। वहीं उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने आज सुबह बताया कि टनल में थोड़ा और आगे बढ़े हैं, अभी टनल खुली नहीं है। हमें उम्मीद है कि दोपहर तक टनल खुल जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक आज सारा मलबा साफ होने की उम्मीद है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड त्रासदी कोष में अपने स्वैच्छिक कोष से दान किए 11 करोड़ रुपये
उत्तराखंड त्रासदी कोष में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने स्वैच्छिक कोष से 11 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। उत्तराखंड में दो दिन पहले जोशीमठ के पास ग्लेशियर फटने की वजह से हादसा हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार देवभूमि उत्तराखंड को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
प्रभावित क्षेत्र से बरामद हुए दो और शव, मृतकों की संख्या हुई 28
सूचना विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आज मंगलवार को प्रभावित क्षेत्र से दो और शव बरामद हुए हैं। अब मृतकों की संख्या 28 हो गई है। अभी भी 178 लोग लापता हैं।
About 35 people are stuck inside the tunnel, we're trying to drill and make way via rope to reach them. We have recovered 2 more bodies, total death count 28 so far. Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat pic.twitter.com/kIUAraxZHB
— ANI (@ANI) February 9, 2021
सुरंग में फंसे हैं करीब 35 मजदूर और तीन इंजीनियर
तपोवन जल विद्युत परियोजना की सुरंग में करीब 35 मजदूर और तीन इंजीनियर फंसे हैं। बचाव दल का सबसे अधिक फोकस इसी सुरंग से मलबा हटाने पर है, लेकिन पानी और गाद के कारण रेस्क्यू में परेशानी हो रही है।