उत्तराखंड के चमोली जनपद में रविवार रात से शुरू हुई भारी बारिश आज भी जारी है। जनपद के थराली, नंदानगर और पीपलकोटी क्षेत्र में नदियों के साथ ही गाड गदेरे उफान पर बह रहे हैं। सबसे अधिक नुकसान थराली में हुआ है। यहां थराली गांव और केरा गांव में कई मकान व गौशालाएं मलबे में दब गईं। कई जगह छोटे पुलों को भी नुकसान हुआ है।
पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों ने रात घरों से बाहर रहकर बिताई। चमोली पुलिस ने नदी किनारे रहने वाले थराली, नारायणबगड़, कर्णप्रयाग और उससे नीचे बसे लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। वहीं, कर्णप्रयाग में अलकनंदा और पिंडर नदी का जलस्तर बढ़ा है। दोनों नदियां खतरे के निशान के करीब हैं।
वहीं, प्राणमति नदी भी खतरे के निशान को छू रही है। नंदानगर में नंदाकिनी नदी भी उफान पर बह रही है। पीपलकोटी में नगर पंचायत पीपलकोटी का कार्यालय व समीप के आवासीय मकान मलबे में दब गए हैं। यहां कई वाहन भी मलबे में दबे हैं।
पीपलकोटी के ही गडोरा गांव में एक आवासीय भवन के दोनों ओर से भू-कटाव होने से मकान असुक्षित हो गया है। नगर पंचायत अध्यक्ष रमेश बंडवाल ने बताया कि मकान को खाली कर परिवार को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया है। भारी बारिश के कारण क्षेत्र में बिजली सप्लाई भी ठप पड़ गई है।
पीपलकोटी के गडोरा में बदरीनाथ हाईवे पर भी भारी मात्रा में मलबा आ गया है। मलबे में कुछ गाड़ियां दबी हैं। यहां होटल को भी भू-धंसाव से खतरा उत्पन्न हो गया है। चमोली तहसील के कौंज पोथनी गांव में तीन गौशाला मलबे में दब गई हैं। यहां मवेशी भी मलबे में दबे हैं।
साथ ही बदरीनाथ हाईवे कई जगहों पर मलबा और बोल्डर आने से अवरुद्ध हो गया है। गडोरा और जोशीमठ के समीप मारवाड़ी में हाईवे अवरुद्ध है। बदरीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पर जा रहे तीर्थयात्री भी जगह-जगह फंसे हैं। छिनका और नंदप्रयाग में भी हाईवे मलबा आने से अवरुद्ध हो गया है।