गोपेश्वर। कोरोना संक्रमण के चलते चारधाम यात्रा पर रोक के बावजूद जयपुर (राजस्थान) के चार यात्री बदरीनाथ धाम पहुंच गए। वहां उन्होंने तीन दिन से एक गेस्ट हाउस में डेरा डाला हुआ था, लेकिन प्रशासन को इसका पता रविवार को चला। इसके बाद चारों को कोविड नियमों के उल्लंघन में चालान कर पैदल ही वापस लौटा दिया गया। जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया का कहना है कि इन यात्रियों के पुलिस को गुमराह कर सेना के नाम पर बदरीनाथ जाने की बात सामने आ रही है। लेकिन, इन्होंने धाम में दर्शन नहीं किए।
जानकारी के अनुसार बांक्रोटा कालोनी जयपुर के रहने वाले राकेश कुमार रौनक अपनी पत्नी श्वेता, ससुर बीसाराम व सास तारा देवी के साथ गत 17 जून को चुपचाप बदरीनाथ धाम पहुंच गए। चारों तीन दिन तक वहां एक गेस्ट हाउस में डेरा डाले रहे, लेकिन इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। जबकि, इस बीच उन्होंने कई बार मंदिर में दर्शनों के लिए जाने का प्रयास भी किया।
हालांकि, दर्शनों पर रोक के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया। यात्रियों के बदरीनाथ में ठहरे होने की बात तब सामने आई, जब यात्रियों के किसी रिश्तेदार ने एसपी चमोली यशवंत सिंह चौहान को फोन कर उनके फंसे होने की जानकारी दी। इसके बाद ही पुलिस व बदरीनाथ नगर पंचायत के अधिकारी सतर्क हुए और चारों यात्रियों का कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन में चालान कर उन्हें पैदल ही जोशीमठ के लिए वापस लौटा दिया।
विदित हो कि लगातार बारिश के चलते भारी मलबा आने से बदरीनाथ हाइवे रड़ाग बैंड, लामबगड़, गोविंदघाट व टैया पुल के पास बंद है। जिससे हाइवे पर वाहनों की आवाजाही नहीं हो पा रही। एसपी चौहान ने बताया कि यात्रियों के फंसे होने की जानकारी राजस्थान से किसी ने उन्हें फोन पर दी। इसके बाद गोविंदघाट और पांडुकेश्वर में यात्रियों की ढूंढ-खोज की गई। तभी यात्रियों के बदरीनाथ में होने की सूचना मिली। एसपी ने बताया कि यात्रियों के वाहन को पांडुकेश्वर में रोक दिया गया था। इसके बाद वो सेना के नाम पर पुलिस को गुमराह कर अन्य वाहन से बदरीनाथ पहुंचे। बताया कि यात्रियों के पास सेना के कलर की जैकेट भी थी। उधर, थानाध्यक्ष बदरीनाथ सतेंद्र सिंह ने बताया कि धाम में यात्रियों के रहने-खाने की व्यवस्था पुलिस ने की थी।
वायरल हो रहा वीडियो
इस बीच इंटरनेट मीडिया पर यात्री राकेश कुमार का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें राकेश होटल-रेस्टोरेंट बंद होने के कारण स्थानीय निवासियों द्वारा उनके खाने-ठहरने की व्यवस्था किए जाने पर उनका धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं। साथ ही यह भी आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस-प्रशासन की ओर से उन्हें बारिश में पैदल ही वापस जाने को मजबूर किया गया। वीडियो में राकेश यह भी कह रहे हैं कि पूर्व में उनकी बुजुर्ग मां का पैर फ्रैक्चर हो गया था, इसलिए वह ज्यादा पैदल चलने में असमर्थ हैं।