जोशीमठ में बदरीनाथ हाईवे पैदल आवाजाही के लिए सुचारू हो गया है। चार दिनों से फंसे दोपहिया वाहनों को निकालने का काम शुरू हो गया है। पहले पैदल आवाजाही करने वालों को निकाला जा रहा है। उपजिलाधिकारी जोशीमठ ने बताया कि तीन हजार फंसे तीर्थ यात्रियों में से 1500 को निकाल दिया गया।
गोविंदघाट से लेकर जोशीमठ तक करीब 3000 श्रद्धालु जगह-जगह फंसे हुए हैं। दूसरी ओर बदरीनाथ जा रहे श्रद्धालु हाईवे न खुलता देख पीपलकोटी (बदरीनाथ से 80 किमी पहले) से धरती को नमन कर लौटने लगे हैं।
नौ जुलाई को सुबह जोशीमठ के पास चुंगीधारा में पहाड़ी से चट्टान का एक हिस्सा टूटकर बदरीनाथ हाईवे पर आ गया था। तब से यहां पर आवाजाही बंद है। बीआरओ लगातार हाईवे खोलने के प्रयास में जुटा हुआ है। बृहस्पतिवार सुबह कुछ देर के लिए यहां पर पैदल आवाजाही शुरू कराई गई।
इसमें पोलिंग पार्टियों के साथ ही कुछ यात्री भी दूसरी तरफ निकल गए, जबकि कुछ यात्रियों ने दोपहिया वाहनों को भी दूसरी तरफ निकाल दिया। मगर कुछ देर बाद पहाड़ी से मलबा गिरने लगा तो आवाजाही रोक दी गई। इसके बाद फिर बोल्डर आ गिरे।
उस समय यहां मजदूर काम कर रहे थे और उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई। मगर बीआरओ की ड्रीलिंग मशीन मलबे में दबकर क्षतिग्रस्त हो गई। मलबा हटाने के बाद दोपहर को एक बार फिर यहां पर पैदल आवाजाही शुरू करवा दी गई।