संजीवनी बूटी की तलाश में जिस गांव तक हनुमान जी उड़कर पहुंचे थे, वहां जल्द ही आप सड़क के जरिये पहुंच पाएंगे। चमोली जिले के पौराणिक द्रोणागिरी गांव तक पहुंच आसान बनाने के लिए जल्द ही ढाई किलोमीटर सड़क का निर्माण शुरू होने वाला है। यह काम पूरा होने के बाद गांव की सड़क से दूरी महज चार किलोमीटर रह जाएगी। पहले चरण में 6.6 किलोमीटर की सड़क बन चुकी है। लोक निर्माण विभाग का लक्ष्य जल्द ही गांव को सड़क से जोड़ने का है।
तिब्बत (चीन) सीमा क्षेत्र का सबसे दूरस्थ गांव द्रोणागिरी पर्यटन के साथ धार्मिक लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि संजीवनी बूटी की तलाश में हनुमान जी इसी गांव से पर्वत उठा कर ले गए थे। द्रोणागिरी गांव पहाड़ों से घिरा हुआ है। यहां भोटिया जनजाति के 50 परिवार निवास करते हैं। द्रोणागिरी गांव के लिए वर्ष 2008 में शासन ने 6.6 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण की मंजूरी दी थी। इसके लिए 10 करोड़ 94 लाख रुपये भी स्वीकृत हुए। वर्ष 2020 में सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ।