चमोली। ऋषिगंगा की आपदा में जनहानि के साथ ही पशु हानि भी भारी मात्रा में हुई है। ग्रामीण इलाकों में पशुपालन आजीविका का बड़ा साधन है। ऐसे में जिन लोगों के पशु बह गए हैं वह लोग भी काफी परेशान हैं। जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जुवाग्वाड़ गांव के कई परिवारों की करीब 180 बकरियां और पेंग गांव के चार खच्चर लापता हैं। सात फरवरी को यह जानवर नदी किनारे चरने के लिए गए थे।
ऋषि गंगा के मुहाने पर झील बनने पर शासन, प्रशासन अलर्ट
ऋषि गंगा के मुहाने पर झील बनने पर शासन, प्रशासन अलर्ट हो गया है। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि झील के सर्वे और उसके रिसाव के लिए एक्सपर्ट की टीम गठित कर दी गई है। टीम झील का मौका मुआयना भी करेगी।
बचाव अभियान में शामिल सभी एजेंसियां चैबीस घंटे कर रही काम
एनडीआरएफ कमांडेंट पीके तिवारी ने बताया है कि टीम लगातार शवों की तलाश कर रही है। नदी के किनारे शवों की तलाश के लिए एक टीम भी तैनात की गई है। बचाव अभियान में शामिल सभी एजेंसियां चैबीस घंटे काम कर रही हैं।
Uttarakhand | Our teams are continuously searching for bodies. A team has also been deployed to search for bodies along the river. All agencies involved in rescue operation are working round the clock: PK Tiwary NDRF Commandant, at Tapovan tunnel in Chamoli district pic.twitter.com/DiksBafdHj
— ANI (@ANI) February 12, 2021