दस दिन बाद भी नहीं खुला जोशीमठ-मलारी हाईवे, नीति घाटी वासियों का सब्र दे गया जवाब; आमरण अनशन शुरू

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गोपेश्वर(चमोली)। नीती घाटी में जोशीमठ-मलारी हाईवे तमक में भूस्खलन के चलते पिछले दस दिनों से बंद पड़ा हुआ है। हाईवे के अब तक नहीं खुलने के चलते रसद और दवाइयों की किल्लत से सीमांतवासियों का सब्र जबाब दे गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने जोशीमठ नगर में जूलूस निकाला। वहीं, पूर्व प्रमुख ठाकुर सिंह राणा तहसील में आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।

नीती मलारी हाईवे को जल्द खोलने, नीती घाटी में बिजली और संचार सेवा शुरू करने, हेली रेस्क्यू और घाटी के गांवों में रसद सामग्री के वितरण की मांग को लेकर जोशीमठ में भोटिया जनजातियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जुलूस निकालकर आमरण अनशन शुरू किया। तहसील में एसडीएम को इस संबंध में एक दिन पहले ही ग्रामीणों की ओर से अल्टीमेटम दे दिया गया था।

ग्रामीणों ने कहा, प्रशासन की ओर से हाईवे को खुलवाने में कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही है। घाटी में सैकड़ों ग्रामीण फंसे हुए हैं। कई परिवार के पास राशन नहीं है। वहीं, आमरण अनशन पर बैठे ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि हाईवे नहीं खुलने से ग्रामीणों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हाईवे खुलने में देरी के साथ पैदल मार्ग तक प्रशासन नहीं बना पाया है.।

उन्होंने ये भी कहा कि हेली रेस्क्यू के नाम पर भी पांच दिनों से दावे हवा-हवाई साबित हो रह हैं, जबकि यहां कई दिन मौसम साफ था। पर, प्रशासन इस ओर उदासीन बना हुआ है। अब आंदोलन ही एकमात्र विकल्प बचा हुआ है। उन्होंने कहा कि जल्द घाटी में रसद वितरित किया जाए। साथ ही हाईवे को सुचारू किया जाए। भलगांव के ग्राम प्रधान लक्ष्मण बुटोला ने कहा कि पिछले 11 दिनों से ग्रामीण जगह-जगह फंसे हुए हैं। प्रशासन बार-बार हेली रेस्क्यू की बात कर रहा है, लेकिन सेवा अभी तक शुरू नहीं की गई है।

प्रदर्शनकारियों में लक्ष्मण सिंह रावत कोषा प्रधान, क्षेत्र पंचयात प्रवेंद्र भंडारी, क्षेत्र पंचायत सतेन्द्र सिंह राणा, पूर्व प्रधान राजमति देवी लाता, प्रेम सिंह बुटोल, लीला देवी, रूपा देवी, विधा देवी, लक्ष्मी देवी, नीतिघाटी के महिला मंगल दल सहित कई लोग शामिल हैं।

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