थराली तहसील के रतगांव के ढाढ़रबगड़ गदेरे में निर्माणाधीन बैली ब्रिज के क्षतिग्रस्त होने के मामले में विभाग ने एक्शन लिया है। लोक निर्माण विभाग के अफसर के निर्देश पर अवर अभियंता ने थाना थराली में ठेकेदार के खिलाफ की तहरीर दी। थाना अध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
मंगलवार को रतगांव की चार हजार से अधिक आबादी को जोड़ने के लिए ढाढ़रबगड़ के घटगाड़ गदेरे पर लोनिवि की ओर से निर्माणाधीन बैली ब्रिज टूटकर गदेरे में जा गिरा। इस पुल की लंबाई लगभग 60 मीटर और लागत 2.80 करोड़ रुपये थी। विभागीय लापरवाही इस कदर रही कि ठेकेदार के श्रमिकों की ओर से बैली ब्रिज के बर्थ (रस्से) और सपोर्ट एक साथ हटा दिए गए।
मंगलवार को रतगांव की चार हजार से अधिक आबादी को जोड़ने के लिए ढाढ़रबगड़ के घटगाड़ गदेरे पर लोनिवि की ओर से निर्माणाधीन बैली ब्रिज टूटकर गदेरे में जा गिरा। इस पुल की लंबाई लगभग 60 मीटर और लागत 2.80 करोड़ रुपये थी। विभागीय लापरवाही इस कदर रही कि ठेकेदार के श्रमिकों की ओर से बैली ब्रिज के बर्थ (रस्से) और सपोर्ट एक साथ हटा दिए गए।
भार नहीं झेल सका पुल
पुल भार नहीं झेल सका और टूटकर गदेरे में जा गिरा। डुंग्री-रतगांव मार्ग पर घटगाड़ गदेेरे में 60 मीटर लंबे बैली ब्रिज बनाने की स्वीकृति शासन ने वर्ष 2024 में दी थी। लोनिवि ने इस बैली ब्रिज का निर्माण दो माह पूर्व शुरू किया था। पुल का काम लगभग पूरा हो गया था।
विभागीय लापरवाही इस कदर रही कि ठेकेदार के श्रमिकों की ओर से इस नवनिर्मित बैली ब्रिज के बर्थ (रस्से) और सपोर्ट अलग-अलग हटाए जाने थे लेकिन यह दोनों एक साथ हटा दिए गए। पुल भार नहीं झेल सका और टूटकर गदेरे में जा गिरा।
गनीमत रही कि उस दौरान वहां कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। ग्राम प्रधान महिपाल फरस्वाण, पृथ्वी सिंह, सुजान सिंह, बलवंत सिंह, प्रदीप फरस्वाण आदि ने बैली ब्रिज निर्माण की जांच की मांग और बरसात से पहले पुल निर्माण की मांग उठाई।