पर्यटक भयभीत, होटलों में 30 फीसद बुकिंग निरस्त

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गोपेश्वर: जोशीमठ में भूधंसाव का असर पर्यटन व शीतकालीन यात्रा पर भी पड़ रहा है। शीतकाल के दौरान औली और जोशीमठ में रोजाना करीब दो हजार पर्यटक आते थे, लेकिन भूधंसाव के खतरे के कारण पर्यटकों की संख्या में 30 फीसद कमी आ गई है।

पर्यटक होटलों में अग्रिम बुकिंग भी निरस्त करा रहे हैं। औली में रोपवे को अग्रिम आदेशों तक बंद किए जाने का भी असर पर्यटकों की संख्या पर पड़ा है। इधर, पर्यटन विभाग को अग्रिम बुकिंग कराने वाले 45 पर्यटकों को रोपवे बंद होने के कारण अपने वाहनों से जोशीमठ पहुंचाना पड़ा।

पर्यटन स्थल औली की आवाजाही के लिए प्रमुख साधन 4.15 किलोमीटर लंबा रोपवे है, जिसके टावर एक से तीन तक के आसपास की जमीन फट रही है। इस रोपवे में 10 टावरों से होते हुए पर्यटक चार हजार फिट से 11 हजार फिट की उंचाई तक हवा में 22 मिनट में सफर करते हैं। रोपवे में दिनभर में चार सौ से अधिक पर्यटक आवाजाही कर सकते हैं।

इस रोपवे में एक से लेकर तीन नंबर टावर के आसपास की जमीन धंसने से टावरों को भी भविष्य में खतरा हो सकता है, हालांकि अभी टावर धंसे नहीं हैं। रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट का कहना है कि सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन के आदेश के पालन में रोपवे का संचालन बंद किया गया है।

हालांकि इन दिनों औली में प्रतिदिन दो हजार से अधिक पर्यटक व तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं, लेकिन जोशीमठ में रुकने से डर रहे हैं। हालांकि औली में भूधंसाव का कोई खतरा नहीं है, लेकिन वहां पर ठहरने के लिए सीमित संसाधन हैं, ऐसे में औली आने वाले पर्यटकों को ठहरने के लिए जोशीमठ बेस कैंप जाना पड़ता है। इधर, भूधंसाव से होटल व्यवसायियों की अग्रिम बुकिंग भी निरस्त हो रही है।

पर्यटकों के लिए औली तक 16 किलोमीटर सड़क मार्ग ही एकमात्र साधन है। सड़क मार्ग से औली पहुंचने पर पर्यटक चियरलिप्ट का आनंद ले सकते हैं। जोशीमठ में बदरीनाथ की शीतकालीन पूजा को लेकर भी श्रद्धालु आ रहे हैं। श्रद्धालु जोशीमठ में रुकने से डर रहे हैं।

रोपवे बंद होने के कारण अग्रिम बुकिंग कराने वाले 45 पर्यटकों को पर्यटन विभाग ने औली से जोशीमठ पहुंचाया। रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट का कहना है कि फरवरी माह तक रोपवे की अग्रिम बुकिंग थी। करीब 150 व्यक्तियों ने आनलाइन बुकिंग कराई थी।

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