पर्यटन विभाग ने औली में गौरसों तक रोपवे का सर्वे किया पूरा, जल्द बनेगा डीपीआर; पैदल ट्रैक भी होगा विकसित!

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गोपेश्वर: आपदा के बाद भले ही जोशीमठ औली रोपवे सुचारु न हुआ लेकिन औली के विकास के लिए सरकार द्वारा अलग प्राधिकरण बनाए जाने से औली का विस्तार गौंरसों तक किए जाने की कार्ययोजना प्रस्तावित है। 

गौरसौं तक रोपवे मार्ग से जोड़ने के साथ-साथ पैदल ट्रैक विकसित करने की मंशा पर्यटन विभाग की है। इस कार्ययोजना के अमल में आने से गौरसों में नेशनल इंटर नेशनल स्की प्रतियोगिता के लिए दिसंबर से लेकर अप्रैल माह तक बर्फ ही बर्फ मिलेगी। इसके अलावा पर्यटक लंबे समय तक बर्फ का दीदार कर पाएंगे।

राज्य सरकार विकास के लिए बनाएगी अलग प्राधिकरण
राज्य की खूबसूरत विंटर टूरिज्म डेस्टिनेशन व राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय शीतकालीन खेलों की स्थली औली को लेकर सूबे की सरकार अब संजीदा दिखाई दे रही है। औली को इंटरनेशनल विंटर डेस्टिनेशन बनाने के लिए सुविधा संपन्न बनाने बावत एक कदम आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने यहां के विकास के लिए अलग प्राधिकरण बनाने का फैसला लिया है। इससे औली के दिन बहुरने की उम्मीद है।

पर्यटन विभाग गौरसों तक रोपवे का कर चुका है सर्वे
औली में पर्यटन विभाग गौरसों तक रोपवे का सर्वे कर चुका है। औली से गौरसों तक दो किमी नया रोपवे प्रस्तावित किया गया है। यह केंद्र सरकार के विशेष बजट से प्रस्तावित है। औली में कुछ सालों से बर्फ की कमी से खेल आयोजन रद्द होते रहे हैं। ऐसे में औली से आगे गौरसों तक इस स्की रिजोर्ट को विकसित किया जाता है तो फिर शीतकालीन खेलों के लिए बर्फ की कमी नहीं रहेगी। गौरसों तीन किमी फैले गौरसों बुग्याल में दिसंबर से अप्रैल माह तक बर्फ रहती है।

जनवरी से मार्च तक बर्फ से लबालब रहता है गौरसों
जनवरी, फरवरी व मार्च में तो गौरसों बर्फ से लबालब रहता है। ऐसे में नेशनल इंटरनेशनल स्कींइंग प्रतियोगिता का आयोजन यहां आराम से हो सकता है। गौरसों तक विस्तार से औली सिर्फ शीतकालीन बर्फ का पर्यटन स्तर न रहे बल्कि यहां वर्षभर ट्रेकर ,व पर्यटक आ सकते हैं, रोपवे के अलावा औली से गौरसों तक तीन किमी पैदल ट्रेक भी विकसित किए जाने हैं। ऐसे में घुड़सवारी, ट्रेकिंग के साथ गौरसों से हिमालय पर्वत श्रृखंलाओं को देखने का सपना भी साकार होगा।

स्वरोजगार से युवाओं में खुशी की लहर
प्रदेश सरकार के इस फैसले से जोशीमठ क्षेत्र के साहसिक पर्यटन कारोबारियों व होटल होम स्टे व्यवसायियों सहित विंटर डेस्टिनेशन औली में स्वरोजगार से अपनी आजीविका चलाने वाले युवाओं में खुशी की लहर है।

सरकार ध्यान देगी तो जरूर बदलेंगे औली के दिन
स्कीइंग एंड स्नो बोर्ड एसोशिएसन चमोली के अध्यक्ष व इंटरनेशनल स्कीयर विवेक पंवार ओर होटल एसोशिएसन औली के अध्यक्ष अंतीप्रकाश शाह का कहना है कि इससे औली की दिशा और दशा सुधारने के लिए अगर सरकार ये कदम उठाती है तो औली के दिन जरूर बदलेंगे। हालांकि औली में वर्तमान हालात और मूलभूत सुविधाओं के हाल देखकर तो कोई भी कहने को तैयार नहीं है कि औली भी सूबे की विंटर डेस्टिनेशन है।

यहां मौजूद हैं यूरोप के जैसे विंटर स्पोर्ट्स स्कीइंग के स्लोप
बता दें कि औली उत्तराखंड का प्राकृतिक सौंदर्य से भरा एडवेंचर टूरिज्म डेस्टिनेशन है जो इंटरनेशनल लेबल पर विंटर स्पोर्ट्स स्कीइंग स्नो बोर्डिंग के लिए जाना जाता है। समुद्र तल से तकरीबन 10 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित इस पर्यटन स्थल में यूरोप के जैसे विंटर स्पोर्ट्स स्कीइंग के स्लोप मौजूद हैं, जिसे नन्दा देवी अल्पाइन स्कीइंग स्कोप के नाम से जाना जाता है।

स्लोप की खास बात यह है कि ये दक्षिण मुखी स्लोप है, इसी खूबी के चलते फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल स्की फिस (एफआईएस) ने इंडिया में इंटरनेशनल स्कीइंग रेस के लिए औली को मान्यता दी है।

औली का अब होगा चौमुखी विकास
ऐसे में औली विकास प्राधिकरण बनने और मास्टर प्लान के तहत औली का अब चौमुखी विकास होगा और औली को इंटरनेशनल विंटर डेस्टिनेशन के रूप में जाना जाएगा और क्षेत्र के लोगों को इससे रोजगार भी मिलेगा और इससे पलायन भी रूकेगा।

क्या कहते हैं अधिकारी
चमोली पर्यटन अधिकारी सोबत सिंह राणा के अनुसार, औली से गौरसों तक रोपवे के निर्माण सहित अन्य पर्यटन विकास की कार्ययोजना बनाने के लिए सर्वे किया जा चुका है। अब डीपीआर बनाई जानी है। पर्यटन स्थल औली का विस्तार गौरसों तक प्रस्तावित है। औली से गौरसों के बीच घने जंगल में ट्रेकिंग रुट भी विकसित किए जाएंगे।

सड़क मार्ग का भी होगा चाैड़ीकरण
जोशीमठ से ओली तक 14 किमी सड़क को भी डबल लाइन किए जाने का कार्य चल रहा है। इसके लिए सड़क को लोनिवि से बीआरओ को स्थानंतरित कर दिया गया है । बीआरओ ने इसकी डीपीआर बनाने के साथ भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है।

जोशीमठ से औली का सफर हो जाएगा आसान
इस मोटर मार्ग के बनने से जोशीमठ से औली का सफर आसान हो जाएगा तथा जोशीमठ से रोपवे संचालन आपदा के खतरों से न भी हुआ तो सुनील के पास से रोपवे संचालन हो सकता है। यहां तक सड़क मार्ग बेहतर बनने से आवाजाही में कोई दिक्कत भी नहीं होगी।

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