चमोली। उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग करने की मांग कर रहे तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन शुरू कर दिया है। बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में तीर्थ पुरोहितों ने काली पट्टी बांधकर पूजा की। वहीं केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने गुप्तकाशी में प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि देवस्थानम बोर्ड को भंग न किया गया तो आंदोलन उग्र किया जाएगा। गंगोत्री और यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि 21 जून से वे क्रमिक अनशन भी शुरू करेंगे।
चारों धाम में तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड के गठन का विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार को ब्रहमकपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति के नेतृत्व में तीर्थ पुरोहितों ने बदरीनाथ और जोशीमठ में प्रदर्शन किया। तीर्थ पुरोहितों का आरोप है कि सरकार परंपराओं के हनन कर रही है। बदरीनाथ तीर्थ पुरोहित संघ के अध्यक्ष उमेश सती ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार की बात कहते हैं, दूसरी तरफ पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज कह रहे हैं कि बोर्ड को भंग नहीं किया जाएगा।
गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल व सह सचिव राजेश सेमवाल ने कहा कि राज्य सरकार तीर्थ पुरोहितों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि 15 जून को गंगोत्री मंदिर परिसर व शीतकालीन पूजा स्थल मुखवा में सांकेतिक उपवास रखा जाएगा। इसके अलावा 20 जून को राज्य सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए हवन का आयोजन किया गया है।
दूसरी ओर रुद्रप्रयाग जिले के गुप्तकाशी में केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने सरकार का पुतला फूंका। केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला और पूर्व अध्यक्ष किशन बगवाड़ी ने कहा कि बोर्ड के गठन की अधिसूचना जारी होने के बाद से आज तक हक-हकूकधारी विभिन्न स्थानों पर विरोध दर्ज कर रहे हैं। कहा कि बोर्ड को भंग करने के बजाय इसका विस्तार किया जा रहा है। वहीं, केदारनाथ में दूसरे दिन भी तीर्थपुरोहितों का सांकेतिक विरोध जारी रखा। तीर्थपुरोहित अमित शुक्ला ने आरोप लगाया कि हक-हकूकधारियो को विश्वास में लिए बोर्ड का गठन किया गया।