गोपेश्वर। चारधाम यात्रा संपन्न होने के बाद अब बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान को धरातल पर उतारने की कवायद तेज हो गई है। केदारनाथ की तर्ज पर बदरीनाथ धाम परिसर के करीब 70 मीटर हिस्से से निर्माण हटाने की योजना है। धाम में मंदिर परिसर और आस्था पथ को मुख्य रूप से आकर्षक बनाया जाएगा। केदारनाथ के बाद अब बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है।
19 अक्तूबर को चारधाम यात्रा संपन्न होने के बाद से ही शासन-प्रशासन बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है। बदरीनाथ धाम में कई चरणों में कार्य संचालित होंगे। प्रथम चरण में आस्था पथ का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। यह शेषनेत्र झील से धाम परिसर तक होगा। बदरीनाथ धाम में करीब 400 होटल व धर्मशालाएं हैं।
मास्टर प्लान के तहत कई निजी निर्माण कार्यों को भी हटाया जाना है। चमोली जिला प्रशासन इन दिनों मास्टर प्लान के दायरे में आ रहे निर्माण कार्यों के चिह्नीकरण में लगा हुआ है। आस्था पथ के निर्माण में माणा रोड को नुकसान हो सकता है। प्रशासन रोड के विकल्प को भी तलाश रहा है। बदरीनाथ धाम के दर्शनों को जाने वाले और आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अलग-अलग आस्था पथ का निर्माण किया जाएगा।
अप्रैल से शुरू हो सकता है कार्य
बदरीनाथ धाम में अगले साल से मास्टर प्लान पर कार्य शुरू हो सकता है। मार्च में बर्फ पिघलने के बाद अप्रैल माह से संभवतः बदरीनाथ में कार्य शुरू हो जाएंगे।
बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान को केदारनाथ की तर्ज पर विकसित किया जाना है। प्लान को अंतिम रूप देने की शासन स्तर पर कवायद चल रही है। आस्था पथ और बदरीनाथ धाम परिसर को संवारने पर मुख्य फोकस रहेगा। कोशिश रहेगी कि निजी भवनों को कम से कम नुकसान पहुंचे।
हंसादत्त पांडे, प्रभारी जिलाधिकारी, चमोली