गोपेश्वर। उत्तराखंड में बर्फबारी के बाद स्वर्ग सा नजारा हो गया है। लगातार हो रही बर्फबारी से घाटी में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। चमोली के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल औली में पर्यटकों की आमद से रौनक है। पर्यटक औली से गौरसों तक का सफर तय कर बर्फ के साथ ट्रेकिंग का आनंद भी ले रहे हैं।
बर्फबारी शुरू होते ही पर्यटकों की आवाजाही से औली में रौनक है। तथा पर्यटन कारोबारियों को इस बार खासी उम्मीद है। बीते साल नवंबर माह में ही औली में बर्फ पड़ गई थी, इसके बाद दिसंबर माह में भी हल्की बर्फबारी के बाद नव वर्ष के आगमन तक यह बर्फ पिघल गई थी जिससे पर्यटकों को मायूसी ही हाथ लगी।
पिछले साल से ज्यादा आ रहे पर्यटक
पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो नव वर्ष के उत्सव में औली में बर्फ न होने का असर पड़ा था। इस बार जिस प्रकार औली में बर्फ ही बर्फ है। उससे पर्यटकों का रुख लगातार औली की ओर हो रहा है। प्रतिदिन 200 से अधिक पर्यटक औली पहुंच रहे हैं। औली से गौरसों तक चार किमी ऑक व कैलीफर के घने जंगलों के बीच स्थानीय गाइडों के साथ पर्यटक ट्रेकिंग का आनंद भी ले रहे हैं। साथ ही घुड़सवारी भी पर्यटकों को खासी भा रही है।
बिछ गई है बर्फ की सफेद चादर
औली में 10 नंबर टावर से गौरसों तक बर्फ की मोटी चादर बिछी हुई है। हालांकि निचले स्थानों में बर्फ पिघल भी रही है। चेयर लिफ्ट में औली गढ़वाल मंडल विकास निगम से आठ नंबर टावर तक दिनभर सुचारु है जिसमें आने-जाने का पांच सौ रुपये शुल्क निर्धारित है।
व्यवसायी ने कही ये बात
औली के प्रमुख व्यवसायी अजय भट्ट का कहना है कि नव वर्ष पर औली में होटल ,,होम स्टे 80 प्रतिशत भर चुके हैं। होटल स्वामियों ने भी नव वर्ष के उत्सव मनाने के लिए लाइटिंग, डीजे,कैंप फायर, म्यूजिशियन ,आर्केस्ट्रा आदि का इंतजाम भी किया है। नव वर्ष में हनुमान मंदिर में विशेष पूजा अर्चना भी होगी ताकि नव वर्ष की शुरुआत व्यक्ति पर्यटन व तीर्थाटन से करे।