चमोली। ऋषिगंगा आपदा में अभी तक 37 शव बरामद हो चुके हैं। 167 लोग अभी भी लापता हैं। वहीं ऋषिगंगा के मुहाने पर झील बनने से एक बार फिर क्षेत्र में बाढ़ के हालात पैदा हो सकते हैं। शासन ने वाडिया, टीएचडीसी, एनटीपीसी और आईआईआरएस को जांच करने का आदेश दिया है।
400 मीटर एरिया में बनी है झील, मौके पर भेजी गई टीम
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि राज्य सरकार को झील की जानकारी है। प्राथमिक रूप से जानकारी मिली है कि 400 मीटर एरिया में झील बनी है व टीम मौके पर गई है।
बैराज साइड में दबे हुए शवों को निकालने का कार्य अभी तक नहीं हुआ शुरू
बैराज साइड में दबे हुए शवों को निकालने का कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। इसे लेकर भी परिजनों में भारी आक्रोश बना हुआ है। तपोवन निवासी बसंती देवी डोभाल और शकुंतला देवी का कहना है कि आपदा के पांच दिन बाद भी उनके परिजनों का कोई सुराग नहीं लगा है। परिजनों की आंखों मे आंसू और गुस्सा हैं।
वहीं इस आपदा में दो भाईयों को खो चुके रविन्द्र थपलियाल का कहना है कि बैराज साइड में अभी तक शवों को निकालने का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि बैराज साइड में कई स्थानों पर खून के निशान भी नजर आ रहे हैं, लेकिन अभी तक इस स्थान पर शवों को निकालने का कार्य शुरू नहीं हो पाया है।