चमोली। तपोवन सुरंग में शनिवार को सुबह 5ः00 बजे से ड्रिल का कार्य शुरू हो गया था, लेकिन सुबह 9ः00 बजे ड्रिल का मैकेनिकल पाइप फट गया, जिससे एक घंटे तक कार्य बाधित रहा। मशीन में दूसरा मैकेनिकल पाइप जोड़ने के बाद फिर टनल में ड्रिल कार्य शुरू हो गया है। रेस्क्यू इंजीनियरिंग की टीम की ओर से 13 मीटर तक भूमि के अंदर ड्रिल कर दिया गया है। जिस मुख्य टनल से ड्रिल किया जा रहा है, उसके नीचे 13 मीटर की दूरी पर एक दूसरी टनल है। उस टनल में मलवा और पानी की मौजूदगी पता की जा रही है। सुबह 11ः00 बजे तक सुरंग के पास पहुंची बड़ी ड्रिल मशीन के पार्ट्स को जोड़ने का काम जारी है। संभवत दोपहर बाद से बड़ी ड्रिल मशीन से सुरंग के अंदर ड्रिल कार्य शुरू हो जाएगा। ड्रिल के बाद वहां कैमरा भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि चमोली में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। कहा कि एनटीपीसी की सुरंग में मलबा अधिक भरने की वजह से उसे हटाने में समय अधिक लग रहा है। राहत एवं बचाव कार्यों में और तेजी आ सके इसके लिए अलग-अलग फोर्स एवं अधिकारियों को जिम्मेदारियां दी गई है। केन्द्र सरकार का भी इस आपदा में बचाव एवं राहत कार्यों में राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से भी राहत कार्यों की निरंतर समीक्षा की जा रही है।
ऋषि गंगा की जल प्रलय में जिन लोगों ने अपनों को खोया वे तो प्रभावित हुए ही, लेकिन आपदा ने तपोवन बाजार की रौनक भी छीन ली है। तपोवन और ऋषि गंगा परियोजना के सैकड़ों मजदूर और स्थानीय गांवों के लोगों की बाजार में दिनभर चहल-पहल बनी रहती थी। अब आपदा के बाद से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है।