उत्तराखंड के देवाल में ब्लॉक मुख्यालय का राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय देवाल मॉडल स्कूल बनने और शिक्षकों के प्रयास से आज प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दे रहा है। कोरोना के बाद भी इस सत्र में इस विद्यालय में 70 नए प्रवेश हुए हैं। इस विद्यालय में छात्र संख्या 152 हो गई है। यहां पर बच्चों को कक्षा तीन से ही कंप्यूटर की शिक्षा दी जाती है।
देवाल ब्लॉक मुख्यालय मेें चार प्राइवेट स्कूल हैं। इन प्राइवेट स्कूलों में पहले छात्र संख्या एक हजार से अधिक थी, लेकिन अब प्राइवेट स्कूलों से कई बच्चे आदर्श प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश ले रहे हैं। वर्ष 2016 से पहले इस प्राथमिक स्कूल में बच्चों की संख्या 14 थी, लेकिन इन सात वर्षों में यहां पर छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़कर 155 हो गई है। इस विद्यालय की परफॉर्मेंस को देखकर यह विद्यालय भी अभिभावकों की पसंद बन गया है। अभिभावक प्राइवेट स्कूलों से अपने बच्चों को निकालकर इस विद्यालय में दाखिला दिला रहे हैं। विद्यालय में कक्षा तीन से ऊपर के बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दी जाती है। विद्यालय में एक लाइब्रेरी भी है, जहां पर बच्चे जनरल नॉलेज, कहानी आदि किताबें भी पढ़ते हैं।
खेल-खेल में कराई जाती है पढ़ाई
अभिभावक वीरेंद्र सिंह की बेटी दिव्यांशु ने प्राइवेट स्कूल से यहां कक्षा दो में और एजाज की बेटी साहिबा ने कक्षा चार में प्रवेश लिया है। अभिभावकों ने बताया कि इस विद्यालय की पढ़ाई व अनुशासन को देखकर बेटी का यहां दाखिला किया। यहां पर बच्चों को सभी प्रकार की शिक्षा दी जाती है। यहां बच्चों को पढ़ाई गेम्स के माध्यम, चित्र दिखाकर और खेल-खेल में करवाई जाती है। साथ ही बच्चों के बीच सांस्कृतिक गतिविधियां भी कराई जाती हैं। यह यहां के शिक्षकों का प्रयास ही है कि यह विद्यालय प्राइवेट से भी बेहतर है।
इस सत्र में 70 नए एडमिशन हुए हैं। इस सत्र में 20 बच्चों ने कक्षा पांच पास की है। वर्तमान में छात्र संख्या बढ़कर 152 हो गई है। कुछ बच्चों के और एडमिशन होने हैं। यहां पर पांच शिक्षक हैं जो बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ाते हैं। साथ ही कंप्यूटर व लाइब्रेरी की भी सुविधा है। पांच क्लास रूम भी हैं।
– विनोद कुमार, प्रधानाध्यापक राजकीय आदर्श प्राथमिक विद्यालय देवाल
इस विद्यालय की बेहतरीन पढ़ाई को देखकर अभिभावक एडमिशन के लिए लगातार संपर्क कर रहे हैं। यहां पर कार्यरत शिक्षकों की मेहनत से इस सत्र में 70 नए एडमिशन हुए हैं। यह विद्यालय सरकारी स्कूलों के लिए अनुकरणीय है।
– जीडी कुनियाल, बीईओ