16वें दिन खुला भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला मलारी हाईवे, चंबा-ऋषिकेश मार्ग पर भी दौड़े वाहन

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भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला मलारी हाईवे आखिरकार रविवार को 16वें दिन देर शाम सुचारू हो गया। बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) ने ट्रायल के रूप में हाईवे पर पहले अपने वाहनों की आवाजाही करवाई, इसके बाद नीती घाटी के छोटे वाहनों की आवाजाही करवाई गई। हाईवे सुचारू होने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली, हालांकि हाईवे पर खतरा अभी भी बरकरार है। बारिश होने पर फिर से हाईवे बंद होने की संभावना बनी है।

शनिवार दोपहर बाद मलारी हाईवे से मलबा लगभग हटा दिया गया था, लेकिन अचानक फिर से चट्टान से मलबा और बोल्डर छिटककर हाईवे पर आ गए थे, जिससे वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई। रविवार को बीआरओ की जेसीबी ने दिनभर हाईवे से मलबा और बोल्डर हटाए और देर शाम छह बजे हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया।जोशीमठ की एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि हाईवे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। वहीं, रविवार को जिला प्रशासन की ओर से नीती घाटी के गांवों में हेलीकॉप्टर के जरिए जरूरी दवा की सप्लाई की गई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मलारी में दवा का भंडारण कर दिया गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि घाटी में राशन की आपूर्ति पूर्व में ही की जा चुकी है।

चंबा-ऋषिकेश हाईवे पर तीन दिन बाद दौड़े वाहन

ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर चंबा-ऋषिकेश के बीच वाहनों का संचालन शुरू हो गया है। बीआरओ और लोनिवि नरेंद्रनगर को काफी मशक्कत के बाद फकोट भिन्नू के समीप पहाड़ी काटकर वाहनों के आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार करने में कामयाबी मिली है।

रविवार अपराह्न बाद हाईवे पर छोटे-बड़े सभी वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। हाईवे पर वाहनों का आवागमन शुरू होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। क्योंकि पिछले तीन दिन से हाईवे बंद होने के कारण हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून जाने वाले लोगों को बाया चंबा-मसूरी होकर देहरादून पहुंचना पड़ रहा था। मार्ग पर ट्रैफिक बढ़ने के कारण लोगों को जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा था।

ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर फकोट भिन्नू के समीप 26 अगस्त रात को हुई भारी बारिश के दौरान लगभग 35 मीटर सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो गई थी, जिससे हाईवे पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया था। हाईवे बंद होने के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। जिले में सब्जी, दूध, रसद की नियमित आपूर्ति भी नहीं हो पा रही थी।

टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले से हरिद्वार, ऋषिकेश व देहरादून जाने के लिए चंबा-मसूरी हाईवे से होकर आवागमन करना पड़ रहा था। मार्ग पर वाहनों का ट्रैफिक अधिक बढ़ जाने के कारण अलग-अलग स्थानों पर बार-बार जाम की समस्या उत्पन्न हो रही थी।

बारिश थमने के बाद बीते दिन से बीआरओ ने हाईवे का मरम्मत कार्य शुरू कर दिया था। शनिवार अपराह्न दो बजे के लगभग बीआरओ व लोनिवि ने फकोट भिन्नू में क्षतिग्रस्त सड़क के ऊपरी हिस्से में वैकल्पिक मार्ग तैयार कर सभी वाहनों का आवागमन शुरू कर दिया है।

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