जोशीमठ। संवाददाता। औली में होने वाली गुप्ता बंधुओं के पुत्रों की शाही शादी में गढ़वाली रीति-रिवाजों का खास ख्याल रखा जाएगा। सोमवार को उत्तराखंडी लोकगायक प्रीतम भरतवाण के जागर से शादी समारोह की शुरुआत हुई। इसके बाद मांगल गीत गाए गए। वहीं, शाही शादी की अनुमति देने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने नाराजगी प्रकट की है। साथ ही इस शादी पर पहरा बैठा दिया है। हाईकोर्ट ने औली बुग्याल क्षेत्र में हवाई उड़ानों पर फिलहाल रोक दी है।
विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल औली में 20 जून को दक्षिण अफ्रीका के उद्योगपति अजय गुप्ता के पुत्र सूर्यकांत और 22 जून को उनके भाई अतुल गुप्ता के पुत्र शशांक का विवाह होना है। गुप्ता बंधुओं के पारिवारिक मित्र सुमित अदलखा ने बताया कि विवाह समारोह की शुरुआत सोमवार से हो गई है। सुबह लोक गायक प्रीतम भरतवाण ने जागर गाकर भगवान नृसिंह का आह्वान किया। इस दौरान गुप्ता परिवार के अधिकांश सदस्य मौजूद रहे। बताया कि औली में विवाह समारोह के बाद नवदंपती समेत अन्य मेहमान दर्शनों के लिए त्रियुगीनारायण जाएंगे।
आयोजकों को तीन करोड़ हाईकोर्ट में जमा करने के आदेश दिए
उत्तराखंड के स्कीइंग डेस्टिनेशन औली में 200 करोड़ की शादी के मामले में सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आयोजकों को तीन करोड़ हाईकोर्ट में जमा करने के आदेश पारित किए हैं। यह रकम 21 जून तक जमा करनी होगी। शादी 22 जून को होनी है। कोर्ट ने जिलाधिकारी चमोली को पिछले साल के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने को जवाबदेह बना दिया है। कहा है कि पर्यावरण मानकों का उल्लंघन होने पर डीएम जिम्मेदार होंगे। कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा है कि वह शादी की मॉनिटरिंग करे। पर्यावरण मानकों से अन्य नियमों का उल्लंघन पाया गया तो तीन करोड़ की रकम वापस नहीं होगी। कोर्ट द्वारा रकम को रिफंडडेबल बनाया गया है।
नगर पालिका अध्यक्ष बोले, औली में शाही शादी के आयोजन की नहीं दी गई अनुमति
औली में शाही शादी के आयोजन को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह पंवार ने कहा कि पालिका ने प्रशासन के पत्र के आधार पर सिर्फ कूड़ा उठाने पर सहमति जताई है न कि आयोजन के लिए किसी तरह की अनुमति दी है। पालिकाध्यक्ष ने कहा कि जिस भूमि पर शादी का आयोजन हो रहा है, वह पर्यटन विभाग के नाम दर्ज है। पालिका ने साफ सफाई व पर्यावरणीय क्षति न करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया गया था। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था के लिए आयोजन समिति को पालिका ने खर्चे का ब्यौरा दिया था, जिसका अभी तक कोई भुगतान नहीं हुआ है। उन्होंने पालिका की ओर से आयोजन की अनुमति दिए जाने की बातों का खंडन किया है।