- मुख्यमंत्री ने मटर के खेतों में जाकर मटर की फलियाॅ भी तोडी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हिमनी क्षेत्र में मटर की खेती के लिए बहुत अच्छा क्लाइमेट है यहाॅ पर वेमौसमी मटर की खेती कर किसान बहुत अच्छी आजीविका कमा सकते है।
- क्षेत्र में मोबाईल नेटवर्क की समस्या पर उन्होंने कहा कि बैलून टैक्नोलाॅजी के माध्यम से क्षेत्र को मोबाईल नेटवर्क से जोडा जायेगा। कहा कि देवसारी बांध क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा। इस बांध को बनाने के लिए भी पूरे प्रयास किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आॅलीवेदनी बुग्याल में पर्यटकों की सुविधाओं को भी विकसित किया जायेगा।
देवाल (चमोली) : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बीते सप्ताह चमोली जनपद के देवाल ब्लाक के अंतिम गांव हिमनी-घेस में किसानों के बीच उनके खेतों में पहुंचे। किसानों/काश्तकारों के साथ वेमौसमी मटर की फसल कटाई का शुभांरभ करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने किसानों का उत्साहवर्धन किया तथा जड़ी बूटी की खेती के साथ साथ सब्जी उत्पादन के क्षेत्र को आर्थिकी का जरिया बनाने के लिए किसानों को हार्दिक शुभकामनाऐं दी।
मुख्यमंत्री ने मटर के खेतों में जाकर मटर की फलियाॅ भी तोडी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हिमनी क्षेत्र में मटर की खेती के लिए बहुत अच्छा क्लाइमेट है यहाॅ पर वेमौसमी मटर की खेती कर किसान बहुत अच्छी आजीविका कमा सकते है। उन्होंने कहा कि बेमौसमी मटर की खेती से काश्तकारों को अच्छे दाम तो मिलेंगे ही, साथ ही मटर के छिलके दुधारू पशुओं को खिलाकर दुग्ध उत्पादकता को भी बढाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मटर की जड़ों में नाइट्रोजन ग्रन्थियां होती है, जो मिट्टी की उत्पादकता और अधिक बढाने में मददगार साबित होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षो में मटर की खेती को बढाने के लिए काश्तकारों को अच्छी किस्म का बीज व खाद उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अखरोट, सेब व फूल उत्पादन की भी अपार सम्भावनाऐं है। कहा कि सीमांत क्षेत्रों में अखरोट एवं सेब की अच्छी किस्म की पौध काश्तकारों को उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिकी को और मजबूत बनाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शीघ्र ही सब्जी भण्डारण एवं विपणन केन्द्र की व्यवस्था भी करायी जायेगी। इस वर्ष मटर की फसल से एक से डेढ करोड रूपये की आय काश्तकारों को होने की सम्भावना है। वही अगले वर्ष इस आय को 5 करोड़ रूपये पहुॅचाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने घेस गांव में फाॅरेस्ट गेस्टहाउस का उच्चीकृत करने, राइका घेस में शिक्षकों की तैनाती करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हिमनी जैसे सीमांत गांवों में 2018 तक प्राथमिकता के आधार पर बिजली पहुॅचायी जायेगी तथा जिन परिवारों तक बिजली नही पहुॅच सकी, उन्हें निःशुल्क सोलर ब्रीफकेश उपलब्ध कराया जायेगा। क्षेत्र में मोबाईल नेटवर्क की समस्या पर उन्होंने कहा कि बैलून टैक्नोलाॅजी के माध्यम से क्षेत्र को मोबाईल नेटवर्क से जोडा जायेगा। कहा कि देवसारी बांध क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा। इस बांध को बनाने के लिए भी पूरे प्रयास किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आॅलीवेदनी बुग्याल में पर्यटकों की सुविधाओं को भी विकसित किया जायेगा।
क्षेत्र के लोगों ने सीएम से घेस, हिमनी, बलाण गांवों को आयुष ग्राम बनाने, वाण स्थिल प्रसिद्व लाटू देवता मंदिर को पांचवे धाम के रूप में विकसित करने, थरालीदेवालमुन्दोलीवाण मोटर मार्ग का हाॅटमिक्स करने, देवाल में लंबे समय से डिग्री काॅलेज एवं यहाॅ केन्द्रीय विद्यालय की स्थापित किए जाने की मांग रखी तथा कई अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने, वाण से वेदनी तक रोपवे निर्माण की मांग भी सीएम के समक्ष रखी। बताया कि कुटकी, कूट, अतीश, जटामासी आदि कई प्रकार की जड़ी बूटी किसानों के द्वारा पैदा की जाती है। जड़ीबूटी का विपणन केन्द्र खोलने, उच्चीकृत राइका घेस में शिक्षकों की तैनाती करने सहित अन्य समस्याओं के निस्तारण करने की मांग रखी। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इस मिशन के अन्र्तगत राज्य भर में चकबन्दी को प्रोत्साहित करने के साथ ही लघु, सीमान्त तथा आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को मात्र 2 प्रतिशत ब्याज पर 1 लाख तक का ऋण कृषि तथा सम्बन्धित गतिविधियों के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। विभागों का एकीकरण किया जा रहा है। नर्सरी एक्ट के अन्र्तगत पौधे की गुणवता की जिम्मेदारी नर्सरी संचालकों की होगी तथा किसानों को गुणवतापूर्ण पौध आसानी से उपलब्ध होगी। न्याय पंचायत स्तर पर एक फील्ड आॅफिसर तैनात किया जाएगा तथा हर तीन महीने फील्ड आॅडिट किया जाएगा। सचिव स्तर के अधिकारी इस प्रोग्राम की लगातार निगरानी करेगे। क्लस्टर आधारित फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
किसानो के कल्याण से प्रेरित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्र्तगत आपदाओं के दायरे को बढ़ाया गया है जल भराव, फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान जैसी आपदाओं को भी सम्मिलित किया गया है ताकि किसान संकट के समय में अकेला न महसूस करे। सरकार ऐसी व्यवस्था कायम कराना चाहती है जिससे किसानों को उनके उत्पादों का लाभकारी मूल्य मिल सके। उनके उत्पादों की प्रोसेसिंग कर उन्हें बाजार में बेहतर दाम उपलब्ध हो। केन्द्र सरकार द्वारा कृषि सिंचाई योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, परंपरागत कृषि विकास योजना, नीम लेपित यूरिया, एकीकृत राष्ट्रीय बाजार जैसी योजनाओं को लागू किया गया है।