चम्पावत। उत्तराखंड में सीमांत के लोगों को शुक्रवार को पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस के रूप में नई रेल गाड़ी का तोहफा मिलने जा रहा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल वर्चुअल माध्यम से दोपहर 1:25 बजे टनकपुर स्टेशन से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। रेलवे की ओर से कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बृहस्पतिवार को डीआरएम आशुतोष पंत ने अधिकारियों के साथ टनकपुर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया।
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की पहल पर टनकपुर रेलवे स्टेशन से दिल्ली के लिए मां पूर्णागिरि नाम से जनशताब्दी एक्सप्रेस का संचालन शुरू किया जा रहा है। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार को रेल मंत्री 1: 25 बजे वीडियो लिंक के माध्यम से एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। उन्होंने बताया कि टनकपुर रेलवे स्टेशन में आयोजित होने वाले उद्घाटन कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी, सांसद अजय टम्टा और नैनीताल सांसद अजय भट्ट मौजूद रहेंगे।
डीआरएम ने बृहस्पतिवार को यहां आकर उद्घाटन कार्यक्रम की तैयारी का जायजा लिया। उन्होंने स्टेशन में खड़ी जनशताब्दी एक्सप्रेस का निरीक्षण कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए। डीआरएम ने कहा कि एक्सप्रेस के संचालन से सीमांत क्षेत्र के लोगों को देश की राजधानी दिल्ली के लिए रेल सेवा का लाभ मिलेगा।
पौने दस घंटे का होगा सफर
जनशताब्दी एक्सप्रेस के तोहफे से खुश सीमांत के लोगों को ट्रेन की यात्रा अवधि ने निराश किया है। एक्सप्रेस में टनकपुर से दिल्ली तक का सफर पौने दस घंटे का होगा, वहीं यात्रियों को चेयर में बैठे-बैठे सफर तय करना होगा। नए साल में सीमांत के अंतिम रेलवे स्टेशन टनकपुर से दिल्ली के लिए जनशताब्दी एक्सप्रेस की मंजूरी से लोग खुश हैं। उम्मीद थी कि जनशताब्दी के चलने से दिल्ली का सफर सात घंटे का होगा, लेकिन लोगों की उम्मीद के विपरीत जनशताब्दी में भी दिल्ली का सफर पौने दस घंटे का होगा। वहीं चेयर ट्रेन होने से लोगों को पौन दस घंटे का सफर भी चेयर में बैठकर तय करना होगा। हालांकि रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन चेयरें बेहद आरामदायक हैं और यात्रियों को सफर में मजा आएगा।
12 कोचों में दो एसी, दो जनरेटर चेयरकार कोच
आज से दिल्ली के लिए दौड़ने वाली जन शताब्दी एक्सप्रेस में 12 चेयरकार कोच होंगे। आठ चेयरकार कोचों के अलावा दो एसी (वातानुकूलित) चेयरकार कोच तो दो जनरेटर चेयरकार कोच हैं।