चम्पावत : चम्पावत जिले के पर्वतीय इलाकों में सोमवार की देर रात से मंगलवार की सुबह छह बजे तक हुई झमाझम बारिश से एनएच समेत आधा दर्जन आंतरिक सड़कों में मलबा आ गया। नालियां चोक होने के कारण चम्पावत और लोहाघाट नगरों में पानी सड़कों पर आ गया। ग्रामीण इलाकों में खेतों में पानी भरने से सब्जी पौधों एवं फसलों को नुकसान हुआ है।
सुबह सात बजे करीब स्वाला के पास मलबा आने से डेढ़ घंटे करीब एनएच बंद रहा। 8:31 बजे मलबा हटाकर वाहनों की आवाजाही सुचारू की गई। उधर लोहाघाट-पिथौरागढ़ मार्ग पर भी भारतोली के पास सुबह 7:12 बजे मलबा आ गया। 8:59 बजे मलबा साफ कर वाहनों की आवाजाही सुचारू की गई। धौन, अमोड़ी, बेलखेत आदि स्थानों पर भी आंशिक मलबा गिरा लेकिन इससे आवागमन प्रभावित नहीं रहा। ग्रामीण इलाकों में कहीं हल्की तो कहीं मूसलधार बारिश हुई। मलबा आने से बाराकोट-कोठेरा, मौनपोखरी-नीड़, स्याला-पोथ, खटोली-मल्ली वैला, टाक खंदक सड़कें बंद हो गई हैं। सड़कें बंद होने से फिलहाल ग्रामीण इलाकों का सड़क संपर्क जिला मुख्यालय सहित अन्य स्थानों से कटा हुआ है।
लोनिवि एवं पीएमजीएसवाई ने सड़कों पर आया मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है। इधर सड़कों खेतों में पानी भर जाने के कारण ग्रामीण इलाकों में सब्जी एवं फसलों को भी नुकसान हुआ है। नेपाल सीमा से लगे पंचेश्वर, पुल्ला, दिगालीचौड़ आदि स्थानों में भी भूस्खलन होने से खेतों को नुकसान होने की खबर है। जिले के मैदानी क्षेत्र टनकपुर एवं बनबसा में पिछले कुछ दिनों से बारिश न होने के कारण उमस से लोग परेशान हैं। मंगलवार को भी यहां चटख धूप निकली। समाचार लिखे जाने तक पर्वतीय क्षेत्रों में बादलों और सूर्य के बीच लुका छिपी का खेल चल रहा है।