चम्पावत : एनएच पर चम्पावत से पिथौरागढ़ तक 150 किमी एरिया में बने नए लैंडस्लाइड जोन का ट्रीटमेंट किया जाएगा। एनएच ने खतरनाक बन चुके 51 स्थानों को चिन्हित कर टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और मोर्थ (मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे) के साथ इस संबंध में करार किया है।
ऑलवेदर रोड चौड़ीकरण के बाद चम्पावत-पिथौरागढ़ के बीच में एनएच पर कई जगह लैंडस्लाइड जोन बन गए थे। सड़क कटिंग के दौरान बने लैंडस्लाइड जोन का ट्रीटमेंट कार्यदायी कंपनियों ने पहले ही कर लिया था लेकिन उसके बाद 51 और नए डेंजर जोन बन गए हैं। इन स्थानों पर आए दिन भूस्खलन और मलबा गिरने से एनएच बंद होने के साथ वाहनों पर पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है। एनएच ने 150 किमी सड़क पर 51 लैंडस्लाइड जोन को चिन्हित कर ट्रीटमेंट के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और मोर्थ कंपनियों के साथ करार किया है। दो मार्च 2021 को एमओयू फाइनल होने के बाद संबंधित कंपनियों ने अब एनएच द्वारा चिन्हित 51 स्थलों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है।
एनएच के ईई एलडी मथेला ने बताया कि सर्वेक्षण पूरा होने के बाद डीपीआर तैयार की जाएगी। स्टीमेट फाइनल होते ही ट्रीटमेंट का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि लैंडस्लाइड जोन की कुल लंबाई 6.640 किमी तथा ऊंचाई 2.250 किमी है। ट्रीटमेंट होने के बाद इन स्थानों पर लैंडस्लाइड बंद हो जाएगा। जिससे एनएच जाम होने और सड़क पर पत्थर गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं पर भी विराम लगेगा। उन्होंने बताया कि सड़क चौड़ीकरण के दौरान बने जोनों का ट्रीटमेंट संबंधित कंपनियां पहले ही कर चुकी हैं। कार्य पूरा होने के बाद अमोड़ी, सूखीढांग, सिन्याड़ी, बमनजोल, झालाकुड़ी बैंड, बेलखेत, अमरूबैंड, अमोड़ी, स्वाला, धौन, बस्तिया, तिलौन, मानेश्वर, मरोड़ाखान, मलान बैंड, खोल्का, भारतोली, बसान, मिर्तोली, घाट पुल, मीना बाजार आदि 51 स्थानों पर नए सिरे से डेंजर जोन बन गए हैं।