चंपावत। चंपावत जिले के लोहाघाट से 45 किमी दूर नेपाल सीमा से लगा पंचेश्वर का धरगड़ा गांव संतरा उत्पादन में अग्रणी है। गांव में रहने वाले 80 परिवारों का मुख्य व्यवसाय फल उत्पादन है। प्रत्येक परिवार प्रतिवर्ष केवल संतरा बेचकर ही 50 से 80 हजार रुपया कमा लेता है। इसके अलावा यहां आम और लीची की पैदावार भी होती है। उद्यान विभाग इस गांव को फल पट्टी के रूप में विकसित कर कोल्ड स्टोर स्थापित करेगा। इसके लिए 15 लाख रुपये का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भेजा गया है।
ेजिले के घाटी वाले सभी क्षेत्रों में मौसमी फलों के साथ आम, लीची, पपीता आदि का उत्पादन काफी अधिक होता है, लेकिन पंचेश्वर के धरगड़ा गांव के लोगों ने संतरा उत्पादन को अपनी आजीविका का प्रमुख साधन बना लिया है। यहां निवास करने वाले सभी 80 परिवारों के पास संतरे के कम से कम 50 से लेकर 100 पेड़ हैं। अपनी मिठास और खुशबू के कारण यहां के संतरे की मांग पूरे जिले में है। सीजन में यहां का संतरा टनकपुर मंडी तक भी जाता है। गांव के संतरा उत्पादक काश्तकार विक्रम सिंह, हरीश सिंह, केदार सिंह और दिलबाग सिंह ने बताया कि संतरा उनकी ही नहीं पूरे गांव के लोगों की आजीविका का सहारा बना हुआ है। गांव में कोई भी ऐसा परिवार नहीं है जिसके पेड़ों में पैदा संतरे बाजार तक नहीं पहुंचते हों।
उन्होंने बताया कि इस धंधे में अच्छी खासी आय होने से अब इन्होंने संतरा उत्पादन का क्षेत्र बढ़ाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि गांव में लीची, अमरूद, आम और केला भी काफी अधिक फलता है, लेकिन ग्रामीण प्रमुख रूप से संतरे का ही व्यवसाय करते हैं। काश्तकारों ने बताया कि क्षेत्र में अत्यधिक फल उत्पादन के बाद भी कोल्ड स्टोर का निर्माण न होने से फल उत्पादकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
काश्तकार मोहन सिंह ने बताया कि गांव का हर परिवार सीजन में सिर्फ संतरा बेचकर कम के कम 50 हजार रुपया कमाता है। कई लोग 60 से 80 हजार रुपये के फल बेच लेते हैं। गांव में फल उत्पादन काफी अच्छा होने से अब उद्यान विभाग ने यहां फल पट्टी विकसित कर कोल्ड स्टोर बनाने का निर्णय लिया है। जिला उद्यान अधिकारी सतीश शर्मा ने बताया कि कोल्ड स्टोर एवं अन्य निर्माण कार्यों के लिए 15 लाख रुपये का प्रस्ताव शासन को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। धनराशि मिलते ही कोल्ड स्टोर बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
जिला उद्यान अधिकारी चम्पावत सतीश शर्मा ने बताया कि पंचेश्वर का इलाका संतरा, मुसम्मी, गलगल आदि फलों के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध रहा है। काश्तकारों का नुकसान से बचाने के लिए यहां कोल्ड स्टोर की स्थापना की जाएगी। धरगड़ा क्षेत्र को फल पट्टी के रूप में विकसित किया जाएगा।
इस बार भी अच्छी हो रही पैदावार
धरगड़ा गांव में इस बार भी पेड़ों में काफी अच्छे फल लगे हैं। फल तैयार होने तक ओलावृष्टि तथा अन्य प्राकृतिक आपदा नहीं होती तो काश्तकारों को अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद है। चम्पावत के मंच तामली क्षेत्र में भी इस दफा फलोत्पादन अच्छा होने की उम्मीद है।
प्रवासियों को भी किया जाएगा फलोत्पादन के लिए प्रेरित
जिला उद्यान अधिकारी सतीश शर्मा ने बताया कि धरगड़ा के आस-पास के गांवों में लौटे प्रवासियों को भी फलोत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्हें फलदार पौध उपलब्ध कराने के साथ औद्यानिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।