पुलिस ने 15 किमी दूर पैदल चलकर नेपाल सीमा से लगे चंपावत के गांव में खच्चरों से पहुंचाया राशन

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चंपावत। कोरोना संक्रमण काल में कफ्र्यू और लॉकडाउन के कारण काम धंधा बंद होने से अधिकांश लोग बेरोजगार हो चुके हैं। आर्थिक तंगी के कारण कई परिवार भूखे रहने को मजबूर हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो वाहन न चलने और सड़क मार्ग न होने से दूरस्त ग्रामीण इलाकों से खरीदारी के लिए बाजार नहीं आ पा रहे हैं। कोरोना की मार झेल रहे ऐसे परिवारों के लिए पुलिस सबसे बड़ा सहारा बनी हुई है।

बुधवार को सीमांत मंच तामली थाना पुलिस ने थानाध्यक्ष दिवान सिंह ग्वाल के नेतृत्व में मंच से 15 किमी दूर स्थित बकोड़ा व हरतोला गांवों में पैदल जाकर खच्चरों से खाद्य सामग्री पहुंचाई। गांवों में सामग्री उतारने के बाद उसे निर्धन परिवारों को बांटा गया। इन गांवों के लिए सड़क न होने से पुलिस को जंगलों के रास्ते गांव तक पहुंचना पड़ा। थानाध्यक्ष दिवान सिंह ने ग्रामीणों को कोविड से बचाव के तौर तरीके बताए। कहा कि उत्तराखंड पुलिस कोरोना संकट काल में गरीबों असहायों एवं दिव्यांगों की मदद के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है।

उन्होंने ग्रामीणों के धैर्य और साहस की प्रशंसा की। बकोड़ा में कोरोना संक्रमितों की संख्या ज्यादा मिलने से प्रशासन ने यहां कंटेनमेंट जोन बनाया था। हालांकि अब सभी लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं। इस दौरान पुलिस की ओर से लोगों को मास्क व सैनिटाइजर भी बांटे गए। मिशन हौसला के इस अभियान में पुलिस कर्मी सुनील गोस्वामी, दलेराम जोशी, तेज सिंह महर शामिल हुए। ग्राम प्रधान महेंद्र सिंह रावत ने पुलिस के इस कार्य के लिए ग्रामीणों की ओर से आभार जताया।

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