देहरादून : अंकिता पिता का हाथ बंटाने को करियर बनाने का सपना लिए घर से बाहर निकली थी। जिसे विगत 18 सितंबर को मौत के घाट उतार दिया गया था।
पूरे प्रदेश को इस घटना ने झकझोर दिया था। मामले में रिसॉर्ट मालिक पुलकित और उसके दो अन्य साथियों अंकित और सौरभ को गिरफ्तार कर लिया था।
सफेदपोश तक के साजिश में शामिल होने का संदेह
तीनों आरोपितों को एसआइटी ने तीन के रिमांड पर लिया था। आरोपितों ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है। सरकारी कर्मचारी से लेकर सफेदपोश तक के साजिश में शामिल होने का संदेह जताया जा रहा है।
इस हत्याकांड को दो हफ्ते से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन अभी भी कुछ सवाल हैं जो रहस्य बन चुके हैं। हर किसी को इन सवालों के जवाबों का इंतजार है।
ये सवाल जो बने रहस्य
हत्याकांड का खुलासा होते ही अंकिता के कमरे को रातोंरात बुलडोजर से तुड़वा दिया गया। यह किसके इशारे पर हुआ, इस बात का अभी तक पता नहीं चला है।
रिसार्ट में बुलडोजर से तोड़फोड़ और आगजनी सिर्फ अंकिता के कमरे में ही क्यों की गई। एलसीडी समेत तमाम सामान तोड़ दिया गया। सीसीटीवी कैमरे के तार तक काट दिए गए थे।
अंकिता की हत्या की पटकथा वनन्तरा रिसार्ट में लिखी गई। ऐसे में घटना के सामने आने के बाद भी क्राइम सीन पर रिसार्ट में लोगों की आवाजाही बेरोकटोक जारी रही।
रिसार्ट में 18 सितंबर के दिन कौन वीआइपी मेहमान आए थे यह अभी तक नहीं पता चल पाया है। इन्हें अंकिता को ‘स्पेशल सर्विस’ देने के लिए कहा गया था।
इस रिसार्ट में कौन आता है और कौन जाता है, यह दर्ज नहीं होता था। इसकी वजह क्या थी, यह किसी को नहीं मालूम।
हत्याकांड का मुख्य आरोपित पुलकित आर्या का कहना है कि घटना वाली रात अंकिता ने उसका मोबाइल चीला नहर में फेंक दिया था। लेकिन इसके बाद भी पुलकित का मोबाइल एक्टिव रहा। वहीं अब पुलकित के पास तीन मोबाइल होने की बात सामने आ रही है। दूसरी तरफ अंकिता का मोबाइल भी अभी तक नहीं मिल पाया है।
अंकिता के लापता होने की सूचना 18 सितंबर को यानी उसकी हत्या वाली रात ही क्षेत्र के पटवारी वैभव प्रताप सिंह को मिल गई थी। लेकिन उसने न रिपोर्ट दर्ज की और न ही अधिकारियों को मामले की सूचना दी। पटवारी ने ऐसा क्यों किया?
20 सितंबर को पटवारी वैभव प्रताप सिंह छुट्टी पर चले गए। जिसने कई सवालों को जन्म दिया।
रिसार्ट में पिंजरा भी मिला था। लेकिन अभी भी इस सवाल से पर्दा नहीं उठ पाया है कि इसका उपयोग वन्यजीवों का शिकार किया जा रहा था या उसे किसी अन्य कार्य में।
वनन्तरा रिसार्ट के पास एक वीआइपी गेस्ट हाउस भी है। जो सारे ऐशो आराम के इंतजाम से लेस था। वहां क्या होता था अब तक यह राज बना हुआ है।
18 सितंबर को पुलकित आधा घंटे तक अंकिता के कमरे में था। इस दौरान कमरे से अंकिता के रोने-चिल्लाने की आवाज आती रही।
चीख-पुकार सुनकर भी स्टाफ को अंकिता की मदद नहीं करने दी। लेकिन अभी तक यह सामने नहीं आया है कि उस दौरान अंकिता के साथ क्या हुआ।
पुलिस और एसआइटी ने दावा किया कि अंकिता के कमने में तोड़फोड़ से पहले ही साक्ष्य जुटा लिए गए थे। लेकिन कमरे में अंकिता का सामान काफी दिनों तक पड़ा रहा।
23 सितंबर को हुआ था हत्याकांड का पर्दाफाश
बता दें कि विगत 18 सितंबर को आरोपितों ने अंकिता को जिंदा चीला नहर में फेंक दिया था। 23 सितंबर को हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ था। 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ था। 26 को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई थी। जिसमें अंकिता की मौत का कारण डूबना व दम घुटना बताया गया था।