देहरादून। देहरादून की सुनीता रावत जो महात्मा गांधी शताब्दी सेंटर फाॅर आप्थेलमिक साइंसेज के नेत्र विभाग में सिस्टर-इंचार्ज के रूम में कार्यरत हैं। जीएनएम अर्हता के अलावा सुनीता आॅप्थेलमिक नर्सिंग तकनीक पर चार सप्ताह का प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
कुल 27 वर्ष का कार्य अनुभव सुनीता ने अधिकतर नेत्र विभाग में ही कार्य किया है साथ ही अंधेपन के नियंत्रण पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम की प्रभारी है। इसके अलावा इमरजेंसी, आईसीसीयू, बाल चिकित्सा, लेबर रूम, और हड्डी रोग जैसे कई अन्य क्षेत्रों में भी कार्य किया है। सुनीता ने उत्तराखंड के दुर्गम और पहुंच से दूर वाले पहाड़ साथ ही आदिवासी क्षेत्रों में आयोजित कई तरह के निःशुल्क नेत्र शिविरों में भी सक्रिय भाग लिया है। नेत्र शिविरों के साथ ही अस्पताल में अंधेपन को रोकने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत 55,000 से अधिक निःशुल्क मोतियाबिंद ओपरेशन और अन्य नेत्र शल्य चिकित्सा में सहायता की है।
सुनीत रावत ईमानदार, मेहनती और प्रतिबद्व नर्स हैं। अंधेपन के नियंत्रण पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सुनीता को सराहना पत्र मिला, उनकी नेत्रदान और अनुकरणीय सेवाओं के लिए चिकित्सा अधीक्षक से भी उन्हें उत्कृष्टता प्रमाण पत्र मिला।