देहरादून। उत्तराखंड में बारिश आफत बनकर बरस रही है। देर रात देहरादून के संतला देवी मंदिर के पास खबड़ावाला में बदल फट गया। इसके अलावा आसपास के इलाकों में भी अतिवृष्टि हुई। करीब तीन घंटे हुई भारी बारिश के कारण नदी, नाले उफना गए और कई पुस्ते बह गए। घरों में पानी घुसने के साथ ही कई जगह पेड़ और विद्युत पोल गिरने की भी सूचना है। वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण मार्ग बार-बार बाधित हो रहे हैं। चमोली में जोशीमठ-मलारी हाईवे तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं खुल पाया। पिछले 11 दिनों से यह मार्ग बंद है। मौसम खराब होने के कारण हेलीकाप्टर भी उड़ान नहीं भर पा रहा है। इसके अलावा कुमाऊं में भी बारिश के कारण दिक्कतें बढ़ी हुई हैं। प्रदेशभर में चार दर्जन से अधिक मार्गों पर आवाजाही ठप है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
मंगलवार को चमोली में नीती घाटी के लिए हेलीकाप्टर दिनभर उड़ान नहीं भर पाया। हालांकि प्रशासन का दावा है कि पैदल मार्ग से एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की मौजूदगी में ग्रामीणों की पैदल आवाजाही कराई जा रही है। बीते दिन हेलीकाप्टर से नीती घाटी में एक फार्मेसिस्ट के साथ दवाएं भेजी गई हैं। मलारी हाईवे बंद होने के कारण भारत-तिब्बत-चीन सीमा से लगे बांपा, गमशाली, नीती, फरकिया, कैलाशपुर, गुरगुटी, जुम्मा, कागा सहित दर्जनभर गांवों की आवाजाही नहीं हो पा रही है। सेना व आइटीबीपी के वाहनों की आवाजाही भी ठप पड़ी हुई है।
देहरादून समेत आसपास के इलाकों में भी मंगलवार को तेज बारिश के दो से तीन दौर हुए। देर रात यहां बादल फटने से मलबा लोगों के घरों में घुस आया और सड़कें तालाब में तब्दील हो गई। घटना में जनहानि की कोई खबर नहीं है।
उधर, कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले के तल्ला जोहार में नई बस्ती के पास थल-मुनस्यारी मार्ग ध्वस्त हो गया है। चीन सीमा का सड़क संपर्क भंग है और जिले में 15 मार्ग बंद हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अगले तीन दिन देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व ऊधमसिंह नगर में कहीं-कहीं तेज बौछार के साथ भारी बारिश हो सकती है। इसको लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।