देहरादून। राज्य के कुमाऊं और गढ़वाल मंडल के पर्वतीय इलाकों में अगले 48 घंटे में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग की ओर से ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं आज सुबह देहरादून में बारिश हुई, जिससे तापमान में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है। वहीं अधिकतर इलाकों में बादल छाए रहे। इसके बाद साढ़े 11 बजे फिर हल्की बारिश शुरू हो गई। हरिद्वार में मौसम साफ बना हुआ है। गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे पर यातायात सुचारू है।
वहीं भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला जोशीमठ-मलारी हाईवे आज छठवें दिन भी बंद पड़ा हुआ है। लंबे समय से हाईवे बाधित होने से नीती घाटी के ग्रामीणों की जिंदगी ठहर सी गई है। बुधवार को एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल) ने आवाजाही बहाल करने के लिए हाईवे किनारे बह रही धौली गंगा में नाव के संचालन का प्रयास किया, लेकिन नदी के तेज बहाव के कारण यह सफल नहीं रहा। अब एनडीआरएफ की टीम भी चट्टान से भूस्खलन रुकने का इंतजार कर रही है। प्रशासन नीती घाटी के गांवों में हेलीकॉप्टर से राशन व अन्य जरूरी वस्तुएं पहुंचाने की तैयारी कर रहा है।
सुराईथोटा और तमक के बीच मलारी हाईवे 14 अगस्त से बंद है। बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) की दो जेसीबी मशीनें मौके पर तैनात हैं, लेकिन भूस्खलन नहीं रुकने से काम नहीं हो पा रहा है। हाईवे के बाधित होने से सेना, आईटीबीपी के साथ ही क्षेत्र के दर्जनों गांवों की आवाजाही ठप हो गई है। क्षेत्र के कई लोग जोशीमठ सहित समीपवर्ती गांवों में फंसे हुए हैं।
एनडीआरएफ के कमांडर पीके तिवारी ने बताया कि भूस्खलन क्षेत्र में एनडीआरएफ की दो टीमों के लगभग 22 जवान व अधिकारी मौजूद हैं। वहीं, जोशीमठ की एसडीएम कुमकुम जोशी ने बताया कि नीती घाटी में आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई के लिए हेली सेवा की व्यवस्था की जा रही है। घाटी में विद्युत व संचार सेवा को सुचारू करने का प्रयास किया जा रहा है।
मौसम विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं मूसलाधार बारिश होने के साथ ही आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है। ऐसे में मौसम विज्ञानियों ने आगाह किया है कि बारिश के दौरान लोग घरों से बाहर न निकलें। मौसम विभाग की ओर से राजधानी दून व आसपास के इलाकों में तेज गर्जना के साथ एक-दो दौर की बारिश की संभावना जताई है।